Bharat Ratna 2024: कौन हैं चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और डा. स्वामीनाथन, जिन्हें ‘भारत रत्न’ से किया गया सम्मानित?

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेता और 1979-80 में प्रधानमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह ऐसे समय में कांग्रेस विरोधी राजनीति के धुरी के रूप में उभरे थे जब देश भर में उसका वर्चस्व था

Bharat Ratna 2024: पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh), पी वी नरसिम्हा राव (PV Narasimha Rao) और मशहूर वैज्ञानिक एवं देश में ‘हरित क्रांति’ के जनक डॉ एम एस स्वामीनाथन (MS Swaminathan) को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट के जरिए यह घोषणा करते हुए तीनों के योगदान की सराहना की। इस साल अब तक 5 लोगों को भारत रत्न देने की घोषणा हुई है, जो कि अब तक की सर्वाधिक संख्या है। इससे पहले साल 1999 में एक बार में 4 लोगों को भारत रत्न दिया गया था। कुछ दिनों पहले ही सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर और पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी के लिए भारत रत्न की घोषणा की थी।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेता और 1979-80 में प्रधानमंत्री रहे सिंह ऐसे समय में कांग्रेस विरोधी राजनीति के धुरी के रूप में उभरे थे जब देश भर में उसका वर्चस्व था। कांग्रेस नेता राव 1991-96 तक देश के प्रधानमंत्री रहे और उन्हें आर्थिक सुधारों के लिए जाना जाता है जबकि डॉ स्वामीनाथन दुनिया के ख्याति लब्ध कृषि वैज्ञानिक थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।

प्रधानमंत्री के पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने लिखा, “दिल जीत लिया!” बता दें कि जयंत चौधरी, चरण सिंह के पोते हैं। चरण सिंह किसानों की आवाज बुलंद करने वाले प्रखर नेता माने जाते थे। वह 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। इससे पहले वह देश के उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री और दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे।

चरण सिंह को भारत रत्न से नवाजे जाने की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब पिछले कुछ दिनों से ऐसी अटकलें थी कि राष्ट्रीय लोक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हो सकता है। इस घोषणा के बाद चौधरी की जिस प्रकार की टिप्पणी सामने आई है, उससे यह लगभग स्पष्ट है कि अगले कुछ दिनों में RLD, NDA में शामिल हो जाएगा।

कुछ दिन पहले ही इसी प्रकार प्रधानमंत्री मोदी ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किए जाने की घोषणा की थी और इसके कुछ ही दिनों के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) ने NDA का दामन थाम लिया था। हाल ही में सरकार ने देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को भी भारत रत्न से नवाजे जाने की घोषणा की थी। एक अन्य पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।

संयुक्त आंध्र प्रदेश में जन्में नरसिम्हा राव वर्ष 1991 से 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री पद पर रहे थे। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा का शुक्रवार को स्वागत किया। प्रधानमंत्री बनने से पहले राव विदेश मंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री सहित कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे। वे 1971 से 73 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। राव का जन्म 28 जून 1921 को करीमनगर में हुआ था जो अब तेलंगाना का हिस्सा है।

कर्पूरी ठाकुर के बाद चौधरी चरण सिंह और नरसिम्हाव राव को भारत रत्न देने की घोषणा को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जो इस साल अप्रैल-मई में संभावित है। तीनों दिवंगत नेताओं की पृष्ठभूमि गैर-BJP रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक अन्य पोस्ट में एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न से नवाजे जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि और किसान कल्याण में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित कर रही है। PM मोदी ने कहा, “उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय में भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि के आधुनिकीकरण की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए।”

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उन्होंने कहा कि डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया बल्कि राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि को भी सुनिश्चित किया। उन्होंने कहा, “वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें मैं करीब से जानता था और मैं हमेशा उनकी अंतर्दृष्टि को महत्व देता था।” बता दें कि 60 और 70 के दशक में उनके नेतृत्व में वैज्ञानिक रिसर्च के जरिए देश में अनाज उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि हुई थी। स्वामीनाथन का पिछले साल सितंबर महीने में चेन्नई में निधन हो गया था। इस वर्ष के पांच पुरस्कारों में से चार मरणोपरांत हैं। 96 वर्षीय आडवाणी इस साल इस सम्मान के लिए नामित किए जाने वाले एकमात्र जीवित नेता हैं।

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