Loneliness Epidemic: अमेरिका के प्रतिष्ठित पत्रिका में हाल ही में एक बड़ा शोध का खुलासा हुआ है. यहां पर पता लगा है कि मध्य आयोग के अमेरिकी अपने यूरोपीय सनकच्छ के तुलना में अकेलेपन की समस्या से जूझ रहे हैं. अकेलेपन की समस्या तेजी से बढ़ रही है. इसके वजह से लोग काफी बड़ी संख्या में परेशानी का सामना कर रहे हैं और इससे लोगों की मौत हो रही है.
इंग्लैंड और भूमध्य सागरीय यूरोप में मध्यम वर्ग के अधिकतर अभ्यास अकेलेपन की समस्या से परेशान है और इसके साथ ही नाटक यूरोप में भी मध्यम वर्ग के वयस्कों में अकेलेपन से पीड़ित होने के मामले देखने को मिल रहे हैं.
एक शोध 2002 से लेकर 2020 तक हुआ जिसमें अमेरिका और ₹13 देश के मध्यम आयु वर्ग के 53000 से अधिक वयस्कों पर किए गए सर्वेक्षण के आंकड़ों का उपयोग किया गया और इसमें वयस्कों के 45 वर्ष से 65 वर्ष की मध्यम आयोग वर्ग के हर 2 साल में अकेलेपन की समस्या को लेकर उनके नज़रों में हुए बदलाव के आंकड़े जुटाए गए.इसमें अधिकतर लोग अकेलेपन की समस्या से जूझ रहे हैं.
कामकाजी उम्र के वयस्कों में अकेलेपन की वजह से बढ़ रही है मृत्यु दर(Loneliness Epidemic)
शोध में यह बात सामने आया है कि मध्यम आयु वर्ग के अमेरिकी नागरिक आज यूरोपीय देशों में अपने साथियों की तुलना में अधिक अकेलेपन का अनुभव करते हैं.अमेरिका में कामकाजी उम्र के वयस्कों की मृत्यु दर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.कामकाजी लोगों को आज के समय में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
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महामारी बन रही है अकेलेपन की समस्या
2009 में आई मंदिर के बाद मध्यम आयु वर्ग के वयस्कों को 1990 के दशक के समान आयु वर्ग के साथियों की तुलना में अधिक खराब मानसिक और स्वास्थ्य स्थिति का सामना करना पड़ रहा है जिसकी वजह से वह गंभीर बीमारियां का सामना करने लगते हैं.रिपोर्ट्स के अनुसार आज के समय में अकेलेपन एक महामारी की तरह हो गई है जिसके वजह से अधिकतर लोग मर रहे हैं.
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