Food Inflation: महंगाई ने लगाई बचत पर चपत, प्‍याज ने रूलाया तो टमाटर हुआ और लाल

Food Inflation: महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। बीते दो माह में महंगाई का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। चाहे वह सब्‍जी हो या अनाज अथवा तेल आटा हर चीज की कीमत सातवें आसमान पर पहुंच गया है। 

Food Inflation: रिजर्व बैंक (RBI) और सरकार महंगाई को काबू में लाने का प्रयास कर रही है पर इसका कोई प्रभाव नहीं दिख रहा। हर दिन एक बढ़ी हुई कीमत के कारण आम लोगों का बुरा हाल है।  खाने-पीने चीजों की बढ़ती कीमतों ने जिंदगी अस्‍त व्‍यस्‍त कर दी है। बजट बुरी तरह बिगड़ने लगा है। महंगाई आसमान छू रही है।

थोक के साथ खुदरा कीमत

पहले खुदरा महंगाई ने परेशान किया तो अब थोक महंगाई की दर निरंतर बढ़ रही है। खाद्य वस्तुओं, खासकर सब्जियों तथा विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हो रही है। थाली में परोसे जाने वाली तकरीबन हर व्‍यंजन महीने की बचत पर  चपत लगाते जा रही है। दाल, चावल और आटे से लेकर तेल और सब्जियों के दाम सातवें आसमान पर पहुंच गया हैं। थोक के साथ-साथ खुदरा बाजार में पिछले डेढ़ से दो महीने में महंगाई का ग्राफ तेजी से ऊपर की ओर बढ़ा है।

अनाज और तेल पर मार

अनाज पर भी महंगाई का मार पड़ा है। तुअर की दाल में 20 फीसदी, चने की दाल में 15 फीसदी और बाकी दालों के दाम 10 फीसदी बढ़ चुके हैं। केंद्र सरकार के अनुसार दालों के दाम घटे ज़रूर हैं लेकिन थोक से रिटेल में फर्क ज़्यादा है। यानी जनता महंगाई की मार लगातार झेल रही है। माना जा रहा है कि बढ़ी कीमतों की वजह जमाखोरी और ब्लैक मार्केटिंग है। दालें बीते 1 महीने में 10 से 30 रुपए प्रति किलो तक बढ़ चुकी है।

खाने के तेल में 20 से 30 फ़ीसदी तक का इज़ाफ़ा हो चुका है। जो कच्ची धानी का तेल 100 रुपये से 110 रुपये तक मिल जाता था आज वो 150 रुपये लीटर में मिल रहा है। यही हाल सोयाबीन आयल का भी है।

हरी सब्जियां भी चपेट में

फुटकर मार्केट में लहसुन 250 से ₹300 किलो तक बिक रहा है। मेथी की अगर बात करें तो इसका दाम ₹100 किलो हो चुका है। टमाटर का भाव ₹100 से ₹120 तक पहुंच चुका है। प्याज ने भी आंसू निकालने शुरू कर दिए हैं। प्याज जो 20 से 25 रुपये किलो में बिक रही थी वह अब 50 से 60 रुपये किलो में मिल रही है। आलू की कीमत पहले 20 से 25 रुपये किलो थी वह अब 40 से 50 रुपये किलो में बिक रहा है। ज्‍यादातर हरी सब्जियां 60 से 80 रुपए प्रति किलो के स्तर को पार कर चुकी है। भिंडी, तुरई, घीया यानी लौकी जैसे सब्जियां 60 रुपये किलो से नीचे आने का नाम नहीं ले रही है।

तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Google News , Twitter, Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजातरीन खबर।

- Advertisement -

Related articles

Share article

- Advertisement -

Latest articles