आजकल लोग अक्सर यह सोचते हैं कि अगर वे हर समय फ्री रहेंगे, तो उनकी जिंदगी बेहतर होगी। हालांकि, यह सोच एक सच्चाई से मेल नहीं खाती। जब हम हमेशा फ्री रहते हैं और कुछ नहीं करते, तो इसका हमारी मेन्टल हेल्थ पर नेगेटिव असर हो सकता है। आइए, जानते हैं कि हर समय फ्री रहने का मानसिक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है|
क्या होता है दिमाग पर इसका असर
जब हम बहुत समय तक बोर होते हैं या कुछ भी नहीं करते, तो हमारे दिमाग में खालीपन और निराशा का अहसास होने लगता है। इसका कारण यह है कि दिमाग को भी एक्टिविज्म की जरूरत होती है। जब हमें कोई काम नहीं मिलता, तो दिमाग खुद को व्यस्त रखने के लिए नकारात्मक विचारों की ओर आकर्षित हो सकता है। ऐसे विचार जैसे चिंता, स्ट्रेस या एंग्जायटी आपकी मेन्टल हेल्थ को प्रभावित कर सकते हैं।
फ्री रहने से आप आपके रूटीन को ऑर्गनाइस नहीं कर पाते। दिनभर फ्री रहना आपको किसी गोल के बिना छोड़ देता है। इसका मतलब है कि आपको कोई दिशा नहीं मिलती, जिससे आपकी सोच और मानसिक स्थिति पर प्रभाव पड़ता है। जब आपके पास कोई ठोस स्ट्रेटेजी या गोल नहीं होता, तो आप सेल्फ वैल्यू और सेल्फ सेंसिटिविटी खो सकते हैं।
क्या है फिजिकल और सोशल हेल्थ पर इफ़ेक्ट
फ्री समय के दौरान, आप अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान नहीं दे पाते। बिना किसी काम के, आपकी शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं, जिससे शरीर और दिमाग दोनों पर असर पड़ता है। कम एक्टिविज्म से आपको थकावट, नींद की कमी और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह सब मिलकर आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी इफ़ेक्ट करता है।
इसके अलावा, जब हम फ्री होते हैं, तो सोशल टच भी कम हो जाता है। दोस्त, परिवार और अन्य लोगों के साथ बातचीत और मिलना-जुलना मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। अगर आप हर समय अकेले रहते हैं और बाहरी दुनिया से कटे रहते हैं, तो आप अकेलेपन का सामना कर सकते हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य को और भी इफ़ेक्ट कर सकता है।
हर समय फ्री रहने से आपका सेल्फ-मोटिवेशन भी कम हो सकती है। जब आप रेगुलर रूप से काम करते हैं या कुछ गोल के लिए मेहनत करते हैं, तो आपको सेल्फ-सैटिस्फैक्शन मिलता है। यह सैटिस्फैक्शन आपकी मेन्टल हेल्थ के लिए अच्छा होता है। लेकिन जब आप फ्री रहते हैं और काम नहीं करते, तो आपको इस सैटिस्फैक्शन का अनुभव नहीं होता, जिससे आपका मन भी अच्छा नहीं रहता।
हर समय फ्री रहना मेन्टल हेल्थ के लिए उतना अच्छा नहीं है जितना हम सोचते हैं। हमें अपनी रूटीन को बिजी रखने और कुछ न कुछ काम करने की आदत डालनी चाहिए। इससे हम मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं और जीवन को बेहतर तरीके से जी सकते हैं। अगर हम अपनी गतिविधियों को संतुलित रखें और खुद को व्यस्त रखें, तो हम ज़्यादा खुश और हेल्थी महसूस कर सकते हैं।