सोशल मीडिया आज के दौर का एक अहम हिस्सा बन चुका है। यह हमें जुड़े रहने, जानकारी पाने और दोस्तों से संपर्क में रहने का मौका देता है। लेकिन कई बार, इसका ज्यादा इस्तमाल हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नेगेटिव असर डाल सकता है। इसलिए, महीने में एक बार सोशल हैंडल्स को डिएक्टिवेट करना काफी फायदेमंद हो सकता है।
सोशल मीडिया का ज़्यादा इस्तमाल हमें तनाव और चिंता का शिकार बना सकता है। जब हम लगातार सोशल मीडिया पर अपनी समय बिताते हैं, तो हम दूसरों की जिंदगी की तुलना अपनी जिंदगी से करते हैं। इससे अक्सर सेल्फ-डाउट और डिससैटिस्फैक्शन पैदा होता है। महीने में एक बार सोशल मीडिया को डिएक्टिवेट करने से हम खुद को इस स्ट्रेस्फुल्ल कंडीशन से बाहर निकाल सकते हैं और मानसिक शांति पा सकते हैं।
सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तमाल हमारे समय का सही इस्तेमाल करने में बाधा डालता है। जब हम हर समय ऑनलाइन होते हैं, तो हम अपने ज़रूरी कामों को टालते रहते हैं। महीने में एक बार सोशल हैंडल्स से दूरी बनाकर हम अपने समय का बेहतर मैनेज कर सकते हैं। यह हमें पढ़ाई, काम, या अपने शौक पर ध्यान देने का मौका देता है, जिससे हमारी प्रोडक्टिविटी बढ़ती है और हम ज़्यादा सैटिसफाइ महसूस करते हैं।
डिजिटल दुनिया से थोड़ा दूर रहकर हम अपने वास्तविक जीवन पर ज़्यादा ध्यान दे सकते हैं। जब हम सोशल मीडिया पर रहते हैं, तो हमें वास्तविक दुनिया के अनुभव कम मिलते हैं। सोशल मीडिया को डिएक्टिवेट करके हम अपने परिवार और दोस्तों के साथ बेहतर समय बिता सकते हैं। इससे हमारे पर्सनल संबंध मजबूत होते हैं और हम अपने आस-पास के लोगों से डीप कनेक्शन महसूस करते हैं।
स्वास्थ्य भी सोशल मीडिया से इफ़ेक्ट हो सकता है। लगातार स्क्रीन के सामने बैठने से आंखों पर बुरा असर पड़ता है और इससे नींद की समस्याएं भी हो सकती हैं। महीने में एक बार सोशल हैंडल्स को डिएक्टिवेट करने से हमें स्क्रीन टाइम कम करने का मौका मिलता है, जिससे हमारी आंखों और शरीर को आराम मिलता है।
सोशल हैंडल्स से दूर रहकर हम सेल्फ-सेंसिटिविटी को बढ़ा सकते हैं। जब हम सोशल मीडिया पर होते हैं, तो हमें दूसरों की राय का बहुत असर होता है। इससे हम अपनी खुद की प्रिऑरिटीज़ और इच्छाओं को नजरअंदाज कर सकते हैं। महीने में एक बार सोशल मीडिया को बंद करके हम खुद पर ध्यान दे सकते हैं और अपनी असली इच्छाओं और जरूरतों को समझ सकते हैं।
सोशल हैंडल्स को महीने में एक बार डिएक्टिवेट करने से हम मानसिक शांति, बेहतर समय ,मैनेजमेंट, मजबूत पर्सनल संबंध, स्वस्थ जीवनशैली और सेल्फ-सेंसिटिविटी जैसे लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह छोटी सी आदत हमारे जीवन में बड़े बदलाव ला सकती है और हमें एक बैलेंस और खुशहाल जीवन जीने में मदद कर सकती है।

