Job Of Physiotherapist : फिजियोथेरेपिस्ट की जॉब में कितना है स्कोप, लीजिये इस फील्ड की जानकारी

Job Of Physiotherapist : फिजियोथेरेपिस्ट एक प्रोफेशनल होता है जो शारीरिक उपचार और रेबिलिटेशन में स्पेशलिटी रखता है। इनका मेन काम मरीजों को उनकी शारीरिक समस्याओं से निकलना और उनकी फिटनेस को बेहतर बनाने में मदद करना है। फिजियोथेरेपिस्ट उन लोगों के लिए काम करते हैं जिन्हें शरीर के किसी अंग या मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, या चोट लगी होती है। यह काम बहुत ही ज़रूरी और हेल्पफुल होता है, क्योंकि यह लोगों को सामान्य जीवन जीने में मदद करता है।

फिजियोथेरेपिस्ट का काम बहुत ही अलग होता है। वे अक्सर उन मरीजों के साथ काम करते हैं जो हड्डियों, मांसपेशियों, और जोड़ों की समस्याओं से परेशान होते हैं। इन समस्याओं में चोट लगना, दुर्घटनाओं से होने वाले नुकसानों, और लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहने के कारण मांसपेशियों में दर्द शामिल हो सकते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट के पास इन समस्याओं का समाधान खोजने के लिए स्पेशल टेक्नीक और प्रैक्टिस होते हैं।

फिजियोथेरेपिस्ट काम शुरू करने से पहले मरीज की पूरी हिस्ट्री और मेडिकल रिपोर्ट्स का एनेलेटिक्स करते हैं। इसके बाद वे एक डिटेल्ड फिजिकल टेस्ट करते हैं ताकि समझ सकें कि मरीज की समस्याएं क्या हैं और उनका इलाज कैसे किया जा सकता है। इसके बाद, वे एक पर्सनल ट्रीटमेंट प्लान तैयार करते हैं जिसमें कई व्यायाम, मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग, और फिजिकल एक्टिविटी शामिल होती हैं।

इनके द्वारा की जाने वाली तकनीकें बहुत ही अलग होती हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं:

मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग और मजबूती: फिजियोथेरेपिस्ट मांसपेशियों को आराम देने और उन्हें मजबूत बनाने के लिए कई व्यायाम कराते हैं। यह मांसपेशियों की एबिलिटी को बढ़ाने और दर्द को कम करने में मदद करता है।

फिजिकल थेरेपी मशीनों का इस्तमाल : कभी-कभी फिजियोथेरेपिस्ट विशेष मशीनों का भी इस्तमाल करते हैं जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद करती हैं। इनमें लेजर थेरेपी, अल्ट्रासाउंड थेरेपी, और इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन शामिल हो सकते हैं।

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रीबिलिटेशन : चोट या सर्जरी के बाद मरीजों को रीबिलिटेशन की ज़रूरत होती है। फिजियोथेरेपिस्ट एक स्ट्रक्चर्ड रीबिलिटेशन प्रोग्राम तैयार करते हैं ताकि मरीज जल्दी ठीक हो सकें और अपनी पहले की स्थिति में लौट सकें।

स्वास्थ्य शिक्षा और सलाह: फिजियोथेरेपिस्ट अपने मरीजों को सही तरीके से बैठने, चलने, और काम करने के बारे में भी सलाह देते हैं। यह उनकी समस्याओं को भविष्य में होने से रोकने में मदद करता है।

फिजियोथेरेपी का फील्ड बहुत ही चल्लेंजिंग और सटिस्फैक्टरी होता है। फिजियोथेरेपिस्ट को अपने काम में पेशेंस और समझदारी की ज़रूरत होती है क्योंकि हर मरीज की समस्या अलग होती है। इसके अलावा, उन्हें अपनी पेशेवर एबिलिटी को अपडेट रखने के लिए लगातार ट्रेनिंग और शिक्षा की ज़रूरत होती है।

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