Author: Deepika Sharma Published Date: 09/08/2024
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इस वर्ष भारत की स्वतंत्रता की 78वीं वर्षगांठ है। वहीं, स्वतंत्रता दिवस 2024 'राष्ट्र प्रथम, सर्वदा प्रथम' थीम पर मनाया जाएगा। इस लेख के माध्यम से हम स्वतंत्रता दिवस को लेकर कुछ नारे और आकर्षक कैप्शन को जानेंगे।
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भारत के स्वतंत्रता दिवस में अब एक सप्ताह से भी कम समय है। यह दिन ब्रिटिश साम्राज्य से हमारे देश की आजादी का प्रतीक है। इस वर्ष भारत की स्वतंत्रता की 78वीं वर्षगांठ है। यह राष्ट्रीय उत्सव पूरे देश में मनाया जाता है।
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इस लेख के माध्यम से हमने देश की आजादी को लेकर कुछ महत्वपूर्ण नारे दिए हैं, जिनका उपयोग कर आप भी देशभक्ति से ओत-प्रोत हो सकते हैं।
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"वन्दे मातरम्" - बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय -"स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा" - बाल गंगाधर तिलक द्वारा अपनाया गया -"जय जवान, जय किसान" - लाल बहादुर शास्त्री -"तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा" - नेता जी सुभाष चंद्र बोस -'करो या मरो' (करो या मरो) - महात्मा गांधी - "इंकलाब जिंदाबाद" - भगत सिंह -"सत्यमेव जयते" - मदन मोहन मालवीय -"सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है" - रामप्रसाद बिस्मिल
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"दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहेंगे, आजाद ही रहेंगे" - चन्द्र शेखर आज़ाद "मारो फिरंगो को" - मंगल पांडे "साइमन कमीशन वापस जाओ" - लाला लाजपत राय "संपूर्ण क्रांति" - जय प्रकाश नारायण "अंग्रेजों भारत छोड़ो" - महात्मा गांधी "सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा"- मुहम्मद इकबाल
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आजादी हमारी विरासत है, और आजादी हमारा गौरव है ! -आज़ादी का जश्न मनाएं और एकता को अपनाएं! -हम अपनी स्वतंत्रता की महानता के लिए एकजुट हैं! -भगवा, सफेद और हरा, और आजादी हमेशा के लिए! -स्वतंत्रता दिवस: जश्न मनाने का संघर्ष ! - हम स्वतंत्रता और न्याय के साथ एक होकर खड़े होते हैं!
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स्वतंत्रता की भूमि, वीरों की जन्मभूमि! -एक भारतीय होने पर गर्व है, हमारे इतिहास को अपनाते हुए! -पुराने का सम्मान करते हुए भविष्य को अपनाएं। -आजादी में हम दहाड़ते हैं! एक साथ, हम ऊंची उड़ान भरते हैं!
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नए भारत का उदय किसानों की झोपड़ी से, हल पकड़ने वाले से, झोपड़ियों से, मोची से, सफाई करने वाले से हो।" -स्वामी विवेकानंद -"लोकतंत्र और समाजवाद साध्य के साधन हैं, साध्य नहीं।" - जवाहरलाल नेहरू -"स्वतंत्रता किसी भी कीमत पर प्रिय नहीं होती। यह जीवन की सांस है।" एक आदमी जीने के लिए क्या नहीं चुकाएगा ?" - महात्मा गांधी
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