World War 3: रूस-यूक्रेन, इजरायल-हमास, इजरायल-ईरान, लेबनान और सीरिया, ये सभी देश किसी न किसी रूप में युद्ध में उलझे हुए हैं। इसके साथ ही, इजरायल के खिलाफ 40 से अधिक इस्लामिक देशों का समर्थन उभर रहा है, जिसमें रूस भी बाहरी समर्थन दे रहा है। दूसरी ओर, अमेरिका और नाटो समूह के देश इजरायल के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। उत्तर कोरिया भी लगातार युद्ध की धमकी और परमाणु परीक्षण करता रहता है। इन सबके बीच, भारत और चीन आपसी तनाव में उलझे हुए हैं, जबकि चीन ताइवान पर आक्रमण की तैयारी में है, जिसे अमेरिका किसी भी कीमत पर रोकना चाहता है।
इन हालातों को देखते हुए सवाल उठता है, क्या हम एक बार फिर तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं? भारत के प्रमुख ज्योतिषी और ‘नास्त्रेदमस’ माने जाने वाले कुशल कुमार ने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि 2024 सबसे तनावपूर्ण वर्ष साबित हो सकता है। वर्तमान परिस्थितियाँ भी उसी ओर इशारा कर रही हैं। अगर हालात और बिगड़ते हैं और तीसरे विश्व युद्ध (World War 3) की नौबत आती है, तो इसका दुनिया पर आर्थिक प्रभाव कितना बड़ा होगा? और किस देश को इसका सबसे ज्यादा नुकसान होगा?
ट्विटर (एक्स) पर तीसरे विश्व युद्ध की चर्चा इतनी बढ़ गई है कि यह आज के दिन ट्रेंड कर रहा है। लाखों लोग इस पर व्यूज और कमेंट्स कर रहे हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसे लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि दुनिया गंभीर वैश्विक संकट का सामना कर रही है और तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है।
क्यों होगा बड़ा नुकसान?
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा समय में दुनिया के पास अत्याधुनिक हथियार हैं। अगर तीसरा विश्व युद्ध होता है, तो यह जमीन, जल, आकाश और साइबर युद्ध के रूप में लड़ा जाएगा, जिससे मानव जीवन के साथ-साथ आर्थिक क्षति भी भयंकर होगी। दूसरे विश्व युद्ध में परमाणु शक्ति सिर्फ अमेरिका के पास थी, लेकिन अब दर्जनभर देशों के पास परमाणु बम हैं। साथ ही, हाइड्रोजन बम और रासायनिक हथियार भी उन्नत हो चुके हैं, जो विश्व युद्ध के हालात में भारी नुकसान का कारण बन सकते हैं।
किसे होगा सबसे बड़ा नुकसान?
अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ, तो इसका सबसे ज्यादा असर अमेरिका और रूस पर पड़ेगा। इन दोनों देशों ने विभिन्न देशों को अपने समर्थन में लामबंद किया हुआ है। युद्ध की स्थिति में इन्हें न सिर्फ आर्थिक सहायता देनी होगी, बल्कि अपने सहयोगी देशों को हथियार भी मुहैया कराने पड़ेंगे। यूक्रेन-रूस युद्ध में अमेरिका ने यूक्रेन को अरबों डॉलर की आर्थिक और सैन्य सहायता दी है। ऐसे में तीसरे विश्व युद्ध के हालात में इन देशों को सबसे बड़ी आर्थिक मार झेलनी पड़ सकती है।
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