Solar Storm: पृथ्वी से टकराया ‘शक्तिशाली’ सौर तूफान, ब्लैकआउट का बढ़ा खतरा  

Solar Storm: यू.एस. नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के अनुसार, गुरुवार को एक शक्तिशाली सौर तूफान पृथ्वी से टकराया, जिससे दुनिया के कई हिस्सों में चिंता बढ़ गई है। इस तूफान का असर खासतौर पर तूफान हेलेन और मिल्टन के लिए चल रहे रिकवरी प्रयासों पर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। एनओएए के स्पेस वेदर प्रिडिक्शन सेंटर (एसडब्ल्यूपीसी) ने बताया कि मंगलवार शाम को सूर्य से कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) हुआ, जो गुरुवार सुबह लगभग 11:15 बजे (ईएसटी) पृथ्वी से टकराया। इसकी गति लगभग 1.5 मिलियन मील प्रति घंटे (2.4 मिलियन किमी प्रति घंटे) थी।

शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, इस सौर तूफान की तीव्रता जी4 स्तर पर मापी गई है, जो काफी गंभीर है। जी4 स्तर के जियोमैग्नेटिक तूफान को लेकर एसडब्ल्यूपीसी ने चेतावनी जारी की है। गुरुवार और शुक्रवार को जी4 या उससे भी अधिक तीव्रता के जियोमैग्नेटिक तूफान की आशंका जताई गई है, जिससे कई क्षेत्रों में रेडियो ब्लैकआउट, पावर ग्रिड पर दबाव और जीपीएस सेवाओं में बाधा आ सकती है।

एनओएए ने चेताया है कि यह सौर तूफान तूफान हेलेन और मिल्टन से प्रभावित क्षेत्रों में चल रही रिकवरी प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकता है। इसके कारण रेडियो संचार बाधित हो सकता है, जिससे आपातकालीन सेवाओं के कामकाज में रुकावट आ सकती है। इसके साथ ही बिजली ग्रिड पर भी असर पड़ने की संभावना है, जिससे व्यापक स्तर पर बिजली कटौती का खतरा बढ़ सकता है। जीपीएस और सैटेलाइट संचार सेवाओं में भी गिरावट की संभावना है, जो हवाई और समुद्री यातायात के लिए चिंता का विषय है।

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कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) दरअसल सूर्य के कोरोना से निकलने वाला विशाल प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र का उत्सर्जन होता है। जब ये प्लाज्मा पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराता है, तो भू-चुंबकीय तूफान उत्पन्न होता है, जो पृथ्वी के वातावरण में कई तरह की गड़बड़ियां पैदा करता है। इससे मुख्य रूप से रेडियो सिग्नल, सैटेलाइट संचार, और बिजली आपूर्ति प्रभावित होती है। इस प्रकार की घटनाओं को अंतरिक्ष मौसम के नाम से जाना जाता है, जो कभी-कभी बेहद गंभीर रूप से पृथ्वी पर प्रभाव डाल सकती हैं।

एसडब्ल्यूपीसी नियमित रूप से अंतरिक्ष मौसम की निगरानी करता है और ऐसे तूफानों के बारे में चेतावनियां जारी करता है। सौर तूफानों की तीव्रता के आधार पर इन्हें अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जाता है, जिनमें जी4 स्तर का तूफान गंभीर माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों तक इस सौर तूफान के प्रभाव से वैश्विक स्तर पर कुछ असामान्य घटनाएं देखने को मिल सकती हैं।

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