Washington: ईरान के “भूतिया बेड़े” ने समुद्र में दहशत फैला रखी है, जिसके कारण दुनिया भर में हड़कंप मचा हुआ है। इस बेड़े की वजह से अमेरिका ने ईरान पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। हाल ही में, अमेरिका ने इन प्रतिबंधों की समय सीमा को और बढ़ा दिया है। यह कदम विशेष रूप से इज़रायल पर हाल ही में हुए ईरानी मिसाइल हमले के जवाब में उठाया गया है। शुक्रवार को अमेरिका ने ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उद्योगों पर नए प्रतिबंध लागू किए, जिससे ईरान के अवैध तेल कारोबार में लिप्त इस भूतिया बेड़े को रोकने का प्रयास किया गया है।
ईरान के तेल उद्योग को बड़ा झटका
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन द्वारा लगाए गए इन नए प्रतिबंधों ने ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उद्योगों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है, जो ईरान की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने इस बारे में कहा, “इन नए प्रतिबंधों में ईरान के ‘घोस्ट फ्लीट’ पर भी कड़े उपाय शामिल हैं, जो अवैध तेल को विभिन्न देशों तक पहुंचाता है।” सुलिवन के अनुसार, ये प्रतिबंध ईरान के मिसाइल कार्यक्रम और आतंकवादी समूहों को वित्तीय संसाधन मुहैया कराने से रोकने के लिए हैं। ये समूह संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों को धमकी देते हैं।
इज़रायल का जवाबी हमला
इज़रायल ने 1 अक्टूबर को हुए ईरान के मिसाइल हमले का जवाब देने का संकल्प लिया है। इज़रायली सेना फिलहाल लेबनान और गाजा में भारी हवाई हमले कर रही है, लेकिन देश ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह ईरान से बदला लेगा। इस बीच, अमेरिकी ट्रेजरी ने कहा कि जो भी ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उद्योगों के साथ व्यापार करता पाया जाएगा, उस पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। अमेरिकी प्रशासन के अनुसार, ईरान की इस गतिविधि को रोकने के लिए और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने 16 कंपनियों और 17 जहाजों को अवरुद्ध संपत्ति के रूप में नामित किया है, जो ईरान के राष्ट्रीय तेल कंपनी के साथ मिलकर काम कर रहे थे। इसके अलावा, छह कंपनियों और छह जहाजों पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं, जो ईरान के हथियार कार्यक्रमों को समर्थन देने में शामिल थे।
ईरान का ‘भूतिया बेड़ा’ क्या है?
ईरान का ‘घोस्ट फ्लीट’ एक गुप्त बेड़ा है, जो समुद्री मार्गों से अवैध रूप से तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों का व्यापार करता है। इस बेड़े का मुख्य उद्देश्य प्रतिबंधों को चकमा देकर अपने उत्पादों को दूसरे देशों में भेजना है। यह बेड़ा बिना किसी आधिकारिक पहचान के काम करता है और अक्सर अपना लोकेशन छिपाता है। अमेरिका ने इस बेड़े पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही इसे पूरी तरह से रोकने की कोशिश की है। इस प्रतिबंध के कारण ईरान को बड़ा आर्थिक झटका लगा है, क्योंकि उसका मुख्य आय का स्रोत पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उद्योग ही है।
खाड़ी देशों की चिंताएं
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, खाड़ी देशों ने अमेरिका से अनुरोध किया है कि इज़रायल को ईरान के तेल क्षेत्रों पर हमला करने से रोका जाए। उन्हें डर है कि अगर संघर्ष बढ़ता है, तो उनकी अपनी तेल सुविधाएं भी ईरान के प्रॉक्सी हमलों की चपेट में आ सकती हैं। हालांकि, बाइडेन प्रशासन ने इज़रायल को अपनी सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने का अधिकार दिया है, लेकिन खाड़ी देशों की चिंताओं को भी ध्यान में रखा जा रहा है।