Doctor Patient Relationship: करनी पड़ती है मेहनत बड़ी, यूं ही विज्ञापन से नहीं बन जाता है कोई अच्‍छा डॉक्‍टर

Doctor Patient Relationship:  अक्सर कहते हैं जो डॉक्टर जितना विज्ञापन देता है, वह उतना बड़ा या प्रसिद्ध डॉक्टर बन जाता है। पर डॉक्‍टर मधुलिका शुक्‍ला के अनुसार यही गलत धारणा है। क्‍या है सच्‍चाई, आइए उन्‍हीं से जानें।

Doctor Patient Relationship: अक्‍सर बातों बातों में कह दिया जाता है कि जो डाक्‍टर जितना अधिक छपेगा, विज्ञापन देगा वह मशहूर हो जाएगा। पर कानपुर की मशहूर होम्योपैथिक डॉक्टर मधुलिका शुक्ला इस बात को गलत ठहराती हैं। उनके अनुसार, विज्ञापन सिर्फ संपर्क का जरिया, सुगम व उत्तम इलाज से जगता है लोगों में विश्वास। उनका मानना है कि बेहतर संवाद और व्यवहार के साथ ही लगातार वर्षों की कड़ी मेहनत लगती है किसी का विश्वास जीतने में। यहां तक‍ कि मरीज या पीड़ित के अंदर ठीक होने की इच्छा को जागृत करने में डॉक्टर की अहम भूमिका होती है। उनके अनुसार, कोई भी डॉक्टर छोटा या बड़ा नहीं होता है, हमेशा अच्छा इलाज करने के तरीके से बनती है शानदार छवि।

विज्ञापन से बनाता है आसान पहुंच

डॉक्‍टर मधुलिका के अनुसार, किसी भी प्रकार का कोई भी विज्ञापन चाहे वो अखबार में प्रकाशित हो, न्यूज पोर्टल पर वायरल हो, रेडियो या टीवी चैनल पर प्रसारित किया जा रहा हो, उनका एक विशेष मकसद होता है। यानी उस विज्ञापन के माध्यम से कोई भी संपर्क या खास तौर पर मरीज और उसके तीमारदार संपर्क कर सकते हैं, उन्हें भटकना नहीं पड़ता है। किसी भी रोग से पीड़ित संबंधित डॉक्टर के पास आसानी से पहुंच जाता है। उसे कोई किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं होता है।

डॉक्‍टर की वास्‍तविक भूमिका

जब कोई भी मरीज किसी भी डॉक्टर के पहुंच जाता है इस प्रकार के विज्ञापन को पढ़कर या देखकर तो असली भूमिका तब शुरू होती है। संबंधित डॉक्टर का अनुभव, बात करने व व्यवहार करने का तरीका, मरीज की तकलीफों को गहनता से सुनने के बाद जरूरी जांचें लिखना, आवश्यक दवाएं ही देने के अलावा संबंधित पीड़ित व्यक्ति या मरीज के अंदर यह विश्वास जगाना कि उसे बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। समय पर दवा लेने और थोड़ा सा परहेज करने व संयमित जीवन जीने से वह बिल्कुल ठीक हो जाएगा।

विश्‍वास है महत्‍वपूर्ण

डॉक्‍टर शुक्‍ला के अनुसार, अच्‍छे डॉक्‍टर की पहचान होती है कि वह मरीज के साथ में आने वाले तीमारदार से भी मरीज के विषय में पूरी जानकारी लेता है डॉक्‍टर। वह जानना चाहता है कि मरीज किसी भी चीज को लेकर ज्यादा सोचता या परेशान तो नहीं रहता है। यह सभी महत्वपूर्ण बातें हैं जिनकी बदौलत आमजन या मरीज में अपने डॉक्टर के प्रति विश्वास जगता है। कोई भी डॉक्टर छोटा या बड़ा नहीं होता है। किसी एक मरीज को भी डॉक्टर ने पूरी तरह स्वस्थ कर दिया तो वह सफल डॉक्टर माना जाएगा यानी वह अपने प्रोफेशन के साथ न्याय कर रहा है।

यह भी पढ़ें- डॉक्टर से रहें बेहतर रि‍श्‍ता तो इलाज होगा और अच्‍छा

डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने बताया कि मेरे यहां आने वाला हर मरीज इस विश्वास के साथ ही आता है कि उसकी तकलीफ़ दूर हो जाएगी और वह पूरी तरह ठीक है जाएगा। यह विश्वास एक-दो महीनों में नहीं बल्कि वर्षों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। मेरा हमेशा प्रयास यही रहता कि हर मरीज जल्द से ठीक हो जाए।

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