TDS: आपकी सैलरी पर नहीं पड़ेगा प्रभाव, CBDT का नया फॉर्म है बेहद उपयोगी   

CBDT: सीबीडीटी ने 15 अक्टूबर से नया फॉर्म जारी किया है। इस फॉर्म के माध्यम से आप अपने विभिन्न निवेशों की जानकारी साझा कर सकेंगे। इसके साथ ही, यह फॉर्म आपकी सैलरी से होने वाली कटौती को भी कम करने में मदद करेगा।  

CBDT: टीडीएस यानी टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स, यह एक ऐसा विषय है जिससे हर नौकरीपेशा व्यक्ति भली-भांति परिचित है। हर महीने सैलरी मिलते समय टीडीएस की कटौती हमेशा लोगों के लिए एक चिंता का विषय रही है। लेकिन अब केंद्र सरकार ने इस संबंध में नियमों में बदलाव किया है, जिसके चलते टीडीएस की कटौती में कई परिवर्तन आएंगे और कंपनियों को टीडीएस की कटौती कम करनी पड़ेगी। इनकम टैक्स कानून के तहत, यदि आप टीडीएस या टीसीएस का भुगतान अन्य जगह कर रहे हैं, तो आपकी कंपनी आपकी सैलरी से वह धनराशि नहीं काट पाएगी।

नया फॉर्म 12BAA 

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने टीडीएस के लिए एक नया फॉर्म 12BAA जारी किया है। इस फॉर्म के माध्यम से आप अपनी कंपनी को टीडीएस और टीसीएस से जुड़ी जानकारियां प्रदान कर सकते हैं। नए नियमों के अनुसार, कंपनियां किसी भी कर्मचारी की सैलरी पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 192 के तहत ही टैक्स काट सकती हैं। यह नया फॉर्म बजट में किए गए ऐलान के अनुरूप जारी किया गया है। इस फॉर्म का उपयोग कर्मचारी को करना होगा, जिसमें वह विभिन्न निवेशों की जानकारी जैसे कि एफडी (Fixed Deposit), इंश्योरेंस कमीशन (Insurance Commission), इक्विटी शेयर का डिविडेंड (Dividend) और कार खरीदने पर दिए जाने वाले टैक्स का उल्लेख कर सकता है।

अन्य जगह किए गए पेमेंट की जानकारी 

अब तक कंपनियां केवल एम्प्लॉयी द्वारा घोषित किए गए निवेश के आधार पर टीडीएस काटती थीं, जिसमें अन्य जगह किए गए टैक्स को शामिल नहीं किया जाता था। लेकिन अब इस प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। कर्मचारी अब 12BAA फॉर्म के माध्यम से टीसीएस और टीडीएस भुगतान की जानकारी देकर अपनी सैलरी में से होने वाली कटौती को कम कर सकते हैं। इससे कर्मचारियों को हर महीने ज्यादा कैश मिलने की संभावना बढ़ जाएगी, जो उनकी आय को बढ़ाने में मदद करेगा। सीबीडीटी ने यह नया फॉर्म 1 अक्टूबर से लागू किया है।

फॉर्म 12BB की तुलना में 

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नया फॉर्म 12BAA फॉर्म 12BB के समान है। फॉर्म 12BB के जरिए कर्मचारी अपने निवेश का खुलासा करता है, और इसी आधार पर कंपनी उसकी सैलरी से टीडीएस काटती है। इनकम टैक्स एक्ट से मिली शक्तियों के अनुसार, कंपनियां इस कटौती को लागू करती हैं। कर्मचारी पहले ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) या न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) का चुनाव करते हैं और फिर वे अपने निवेश की जानकारी प्रदान करते हैं।

यह नए बदलाव कर्मचारियों को वित्तीय राहत देने और उनकी सैलरी को अधिकतम करने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं। अब टीडीएस की कटौती में कमी से कर्मचारियों की हर महीने की कैश फ्लो में सुधार होगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में वृद्धि होगी।

इस नए फॉर्म और नियमों के बारे में अधिक जानकारी के लिए सरकारी वेबसाइट पर जा सकते हैं या अपने नजदीकी टैक्स कंसल्टेंट से सलाह ले सकते हैं।

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