Science News in Hindi: अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने मंगलवार को घोषणा की कि सूर्य अपने 11 साल के सौर चक्र के ‘सौर अधिकतम’ चरण तक पहुंच गया है। सौर अधिकतम वह समय है जब सूर्य पर गतिविधियां अपने उच्चतम स्तर पर होती हैं। इस चरण में सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र पलट जाता है, जिससे सौर गतिविधि में वृद्धि होती है। NASA, नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) और इंटरनेशनल सोलर साइकल प्रिडिक्शन के प्रतिनिधियों ने मिलकर इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम की पुष्टि की है।
सोलर मैक्सिमम के दौरान गतिविधियों की वृद्धि
NASA के स्पेस वेदर प्रोग्राम के निदेशक जेमी फेवर्स ने बताया कि सौर अधिकतम के दौरान सूर्य पर सनस्पॉट्स (सूर्य की सतह पर दिखाई देने वाले धब्बे) की संख्या बढ़ जाती है, जिससे सौर गतिविधि में तेजी आती है। यह गतिविधि हमें अपने सबसे करीबी तारे के बारे में बेहतर जानकारी प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है, लेकिन इसके साथ ही पृथ्वी और पूरे सौरमंडल पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
बढ़ी हुई सौर गतिविधि के कारण अंतरिक्ष में उपग्रहों, अंतरिक्ष यात्रियों, संचार, और नेविगेशन प्रणालियों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस प्रकार की घटनाएं टेक्नोलॉजी पर निर्भर दुनिया के लिए गंभीर चुनौतियों का कारण बन सकती हैं।
क्या सूर्य सच में चरम पर पहुंच गया है?
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NOAA में स्पेस वेदर ऑपरेशंस के निदेशक एल्सेयेद तलअत ने स्पष्ट किया कि इस घोषणा का मतलब यह नहीं है कि हमने इस सौर चक्र में सौर गतिविधि का चरम देख लिया है। सूर्य भले ही सौर अधिकतम के चरण में प्रवेश कर चुका हो, लेकिन सौर गतिविधि किस महीने में अपने चरम पर होगी, इसका निर्धारण महीनों या सालों बाद ही किया जा सकेगा।
वास्तव में, मई 2024 से सूर्य पर सौर ज्वालाओं और कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) की संख्या में वृद्धि देखी गई है। इन घटनाओं के परिणामस्वरूप पिछले 500 वर्षों में सबसे चमकदार ऑरोरा देखने को मिले हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस सौर चक्र के सौर अधिकतम की गतिविधियां साल भर तक जारी रहेंगी, जिसके बाद वे धीरे-धीरे मंद होने लगेंगी।
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