Agro Production Hub: योगी सरकार और नाबार्ड के संयुक्त प्रयासों से झांसी के एफपीओ को कठिया गेंहू का जीआई टैग हासिल हुआ है। बता दें कि जीआई टैग यानि जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग किसी क्षेत्र विशेष के खास उत्पादन या उपज को मान्यता प्रदान करता है। जीआई टैग का प्रस्ताव विशेषज्ञ की मदद से तैयार किया गया है। यह स्थानीय किसानों को विशेष सहयोग व प्रोत्साहन का काम करता है। इससे उनके उत्पाद की पहचान का प्रसार बढ़ता है और उसकी मांग बढ़नी शुरू होती है।
अदरख को जीआई टैग
गेहूं के साथ झांसी जिले के ही एक एफपीओ के माध्यम से अदरख को जीआई टैग दिलाने के लिए आवेदन दाखिल किया गया है। एफपीओ के माध्यम से नाबार्ड और उद्यान विभाग ने प्रस्ताव तैयार कराकर आवेदन दाखिल कराया है। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक भूपेश पाल ने बताया कि झांसी के एक एफपीओ के माध्यम से अदरख के जीआई टैग के लिए आवेदन किया गया है। यह आशा जताई जा रही है कि आने वाले कुछ समय में जीआई टैग मिल जाने के बाद यहां के अदरख उत्पादकों को बेहतर बाजार और मूल्य मिलने के साथ ही अदरख के उत्पादन में भी बढोतरी होगी।
उत्पाद का बेहतर मूल्य
जीआई टैग का आवेदन दाखिल होने के बाद इसका परीक्षण होता है। इसके बाद इसे जीआई टैग मिल जाता है। आशा जताई जा रही है कि जीआई टैग मिलने के बाद कठिया गेहूं की तरह अदरख की पहचान भी बुन्देलखंड क्षेत्र की एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी। उत्पादन की गुणवत्ता के मानकीकरण के कारण यहां के उत्पाद को बेहतर मूल्य हासिल होगा और इसकी डिमांड बढ़ जाएगी।
बता दें कि बरुआसागर और आसपास के क्षेत्रों में काफी संख्या में किसान अदरख की खेती करते रहे हैं। इनकी संख्या को बढाने पर भी सरकार का जोर है।
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