Supreme Court On Government Jobs: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया को लेकर एक अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि पब्लिक सेक्टर जॉब्स के लिए भर्ती के दौरान अपॉइंटमेंट के क्राइटेरिया में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। यदि बदलाव की जरूरत हो तो इसके लिए विशेष रूप से अनुमति लेनी होगी। इस फैसले को न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में लिया गया, जिसमें कुल पांच न्यायाधीशों ने भाग लिया। अदालत का कहना था कि भर्ती प्रक्रिया विज्ञापन के प्रकाशन से शुरू होती है और जब पदों की नियुक्ति पूरी होती है तब प्रक्रिया समाप्त होती है।
भर्ती में पारदर्शिता अनिवार्य
Supreme Court की बेंच ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान पात्रता मानदंडों में बदलाव नहीं किया जा सकता है जब तक कि मौजूदा नियम इसके लिए अनुमति न देते हों या फिर विज्ञापन मौजूदा नियमों के विपरीत न हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और गैर-भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिलें।
निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया की आवश्यकता
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि रिक्रूटमेंट संगठनों को चयन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए उचित और निष्पक्ष प्रक्रिया स्थापित करनी चाहिए, लेकिन यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, निष्पक्ष और उचित होनी चाहिए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी पद के लिए वैकेंसी है तो कोई अधिकारी योग्य उम्मीदवार को अनुचित तरीके से नियुक्ति से वंचित नहीं रख सकता है। इसका उद्देश्य सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में भ्रष्टाचार और पक्षपात को रोकना है।
एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में बदलाव नहीं
न्यायमूर्ति मिश्रा ने इस फैसले के दौरान कहा कि मौजूदा नियमों के तहत, रिक्रूटमेंट संगठन अपनी चयन प्रक्रिया को उसके तर्कसंगत अंत तक पहुंचाने के लिए उपयुक्त उपाय अपना सकते हैं। हालांकि, इन उपायों को पारदर्शी, गैर-भेदभावपूर्ण, और तर्कसंगत रूप से निष्पक्ष होना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चयन का उद्देश्य सही तरीके से पूरा हो सके।
पुरानी पीठ का संदर्भ
इस फैसले में एक महत्वपूर्ण सवाल का समाधान भी किया गया, जो मार्च 2013 में तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा उठाया गया था। पिछले फैसले में 1965 के एक निर्णय का उल्लेख किया गया था, जिसमें राज्य द्वारा भर्ती के नियमों में बदलाव न करने की बात कही गई थी। इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट का यह नया निर्णय सरकारी नौकरी भर्ती प्रक्रियाओं को और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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