Science News in Hindi: वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में आने वाले तीव्र रेडियो विस्फोट (Fast Radio Bursts, FRBs) का पता लगाने में एक नई सफलता हासिल की है। ये रेडियो सिग्नल बेहद ताकतवर और क्षणिक होते हैं, जो एक मिलीसेकंड से लेकर कुछ सेकंड तक ही चलते हैं। ये सिग्नल इतनी दूर से आते हैं कि उनके स्रोत लाखों या अरबों प्रकाश वर्ष दूर हो सकते हैं। कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की खगोलविद कृति शर्मा की अगुआई में, वैज्ञानिकों की एक टीम ने FRBs के संभावित स्रोतों का अध्ययन किया है। उनकी रिसर्च के नतीजे हाल ही में ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।
क्या हैं फास्ट रेडियो बर्स्ट्स (FRBs)?
FRBs अंतरिक्ष में रेडियो तरंगों के रूप में बहुत शक्तिशाली विस्फोट हैं, जो इतनी तेजी से होते हैं कि उनका पूर्वानुमान लगाना लगभग असंभव है। इनकी वजह से वैज्ञानिकों के बीच लंबे समय से जिज्ञासा बनी हुई है। शोध के दौरान पता चला कि ये सिग्नल अक्सर एक बार ही चमकते हैं और फिर कभी नहीं दिखाई देते, जिससे उनके स्रोत का पता लगाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
क्या FRBs का स्रोत एलियंस हो सकते हैं?
शोध से यह स्पष्ट हो गया है कि FRBs के पीछे एलियंस नहीं हैं। 2020 में, वैज्ञानिकों ने पहली बार हमारी अपनी आकाशगंगा मिल्की वे में एक FRB का पता लगाया था, जो एक मैग्नेटर से आया था। मैग्नेटर एक विशेष प्रकार का न्यूट्रॉन तारा होता है, जिसका चुंबकीय क्षेत्र अत्यंत शक्तिशाली होता है। चुंबकीय क्षेत्र और तारे के गुरुत्वाकर्षण के टकराव से तारा-भूकंप होता है, जिससे रेडियो सिग्नल्स का विस्फोट होता है।
शोध के नतीजे
शर्मा और उनकी टीम ने 30 FRBs की होस्ट आकाशगंगाओं का अध्ययन किया और पाया कि ये सिग्नल्स अक्सर युवा तारों वाली आकाशगंगाओं से आते हैं। शोध में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि संभवतः मैग्नेटर्स FRBs के स्रोत हो सकते हैं। यह नई खोज हमें FRBs के रहस्य के करीब ला रही है, हालांकि अभी भी बहुत कुछ समझना बाकी है।
ये भी पढ़ें-अविश्वसनीय! एक ऐसा तारा खोजा गया है जो एक सेकंड में…
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Google News , Twitter और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा–तरीन खबर।