Bangles Importance : सुहागन महिलाएं क्यों पहनती हैं चूड़ियां? जानिए इसका धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

Bangles Importance: शादी के बाद महिलाएं चूड़ी जरूर पहनती है। चूड़ी को सोलह सिंगार का हिस्सा माना जाता है। तो आईए जानते हैं शादी के बाद महिलाएं क्यों पहनती है चूड़ियां...

Bangles Importance : हिंदू सनातन धर्म में महिलाओं के साज-सज्जा में शामिल चूड़ियों का महत्वपूर्ण स्थान है। महिलाएं श्रंगार को पूरा करने के लिए कलाइयों में चूड़ियां पहनती हैं। मगर, वास्तु शास्त्र के अनुसार, चूड़ियां पहनने का धार्मिक और वैज्ञानिक कारण है। कहा भी जाता है कि चूड़ियां महिलाओं के सौभाग्य की निशानी है। ऐसा धार्मिक महत्त्व को इंगित करते हुए ही कहा गया है। आईए जानते हैं कि चूड़ियां पहनने से क्या होता है…

सभी रंगों की चूड़ियों का अलग महत्व ( Bangles Importance )

हिंदू धर्म में महिलाएं लाल, हरे और पीले जैसे विभिन्न रंगों की चूड़ियां पहनती हैं। चूड़ियां महिलाओं के सोलह शृंगार में से एक हैं और यह उनकी खूबसूरती बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाती हैं। इन रंग-बिरंगी चूड़ियों का भी अलग-अलग महत्व है। हरी चूड़ियां शांति का प्रतीक हैं, और लाल प्रजनन क्षमता या नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का प्रतीक है।

चूड़ियां की धार्मिक मान्यता

वहीं धार्मिक मान्यताएं ये कहती हैं कि जो महिलाएं चूड़ियां पहनती उनसे नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है। देश के कई हिस्सों में ऐसा माना जाता है कि चूड़ियों की आवाज अविवाहित महिलाओं को बुरी नजर से भी बचाती है। वहीं रंगीन चूड़ियां मानसिक शांति प्रदान करती हैं।

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चूड़ियों से संतुलित रहते हैं हार्मोंस

अगर चूड़ियां पहनने के वैज्ञानिक कारणों की बात करें, तो कुछ रिपोर्ट्स में ऐसा कहा गया है कि महिलाओं की चूड़ियां एक ऐसा घर्षण पैदा करती हैं, जिससे रक्त संचार में मदद मिलती है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, कलाई क्षेत्र एक एक्यूपंक्चर बिंदु है, जो एक महिला के शरीर में हार्मोनल संतुलन में मदद करता है। यही एक कारण है भारती परंपराओं में चूड़ियां धारण करने पर जोर दिया गया है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। Vidhannews यहां इस आर्टिकल में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं।

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