भारत को रूस ने किया अपना सबसे शक्तिशाली Tu-160 बॉम्बर ऑफर , ऑपरेशनल खर्च जान होंगे हैरान, राफेल लगेगा सस्ता

TU-160 Bomber: भारत अपनी रक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए लंबे समय से विभिन्न उपायों पर विचार कर रहा है, जिसमें लंबी दूरी के बॉम्बर्स को शामिल करना भी शामिल है। अब मॉस्को ने भारत को अपना सबसे शक्तिशाली बमवर्षक विमान टीयू-160 'व्हाइट स्वान' देने का प्रस्ताव दिया है, जो दुनिया का सबसे बड़ा और भारी बॉम्बर है।

Russia’s TU-160 Bomber Offered to India: भारत के पास वर्तमान में कोई भी बमवर्षक विमान नहीं है। हालांकि, रूस, जो भारत का दशकों पुराना दोस्त है, ने भारत को अपना सबसे एडवांस बॉम्बर विमान टीयू-160 (व्हाइट स्वान) देने का प्रस्ताव दिया है। यह विमान अपनी पेलोड क्षमता, लंबी रेंज और स्पीड की वजह से दुनिया के सबसे एडवांस बॉम्बर्स में से एक माना जाता है। भारत अपनी रक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए लंबे समय से उपाय खोज रहा है, और इसमें लंबी दूरी के बॉम्बर को शामिल करने पर भी विचार किया जा रहा है।

टीयू-160 की 12,000 किमी की उड़ान रेंज

टीयू-160 का निर्माण सोवियत काल में 1970 के दशक में शुरू हुआ था। यह विमान रूस की एयरफोर्स का हिस्सा बनने से पहले 1980-90 के दशक में विकसित किया गया। चार टर्बोजेट इंजन वाला यह विमान दुनिया का सबसे बड़ा और भारी लड़ाकू विमान है, और एक बार में 12,300 किलोमीटर की उड़ान भर सकता है। इसका मतलब यह है कि यह विमान चीन के किसी भी शहर पर हमला करके वापस लौट सकता है।

सुपरसोनिक स्पीड

टीयू-160 की स्पीड सुपरसोनिक है, यानी यह ध्वनि की गति (1236 किलोमीटर प्रति घंटा) से तेज उड़ान भर सकता है। इसके वेरिएबल स्वीप विंग्स (जो अपना एंगल बदल सकते हैं) इसे विभिन्न गति और मिशन प्रकारों के लिए अनुकूल बनाते हैं, जिससे यह दुनिया का सबसे तेज बमवर्षक बनता है।

ऑपरेशनल खर्च

टीयू-160 के ऑपरेशन में भारी मात्रा में ईंधन की खपत होती है। रिपोर्ट के मुताबिक, सामान्य ऑपरेशन के दौरान यह विमान प्रति घंटे 12,000 से 15,000 लीटर ईंधन खर्च करता है। साथ ही, इसमें ईंधन, रखरखाव और क्रू की लागत मिलाकर प्रति घंटे 19,000 से 30,000 डॉलर का खर्च आता है। वहीं, भारत के पास पहले से मौजूद राफेल विमान का ऑपरेशनल खर्च प्रति घंटे लगभग 16,000 डॉलर है, जो टीयू-160 से सस्ता है।

टीयू-160 की कीमत

रूस का नया या पुनर्निर्मित टीयू-160 बॉम्बर विमान वर्तमान में लगभग 30 करोड़ डॉलर (करीब 25,33,58,47,770 रुपये) का हो सकता है। विमान की कीमत में उपकरण, ट्रेनिंग, सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और रखरखाव की लागत भी शामिल हो सकती है, जिससे इसकी कुल कीमत 35 करोड़ डॉलर तक पहुंच सकती है।

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