Satyanashi ke Fayde: सत्यानाशी के पौधे को कई बार लोग खरपतवार समझ कर बेकार समझ लेते हैं लेकिन यह पौधा बेहद उपयोग वाला होता है। इस पौधे के पीले चटकीले रंग के फूल काफी ज्यादा आकर्षक होते हैं। आयुर्वेद में इस फूल का काफी ज्यादा उपयोग है और इसका इस्तेमाल करने से व्यक्ति को काफी फायदे मिलते हैं। तो आईए जानते हैं इसका उपयोग।
सत्यानाशी के पौधे का उपयोग ( Satyanashi ke Fayde )
इस पौधे को तोड़ने पर पीला रंग का दूध निकलता है, जिसे स्वर्णशीर कहा जाता है। औषधि उपयोग के लिए अब सत्यानाशी के पौधे की खेती भी संभव होने लगी है। इस पौधे पर छोटे-छोटे कांटे होने पर लोग इसे सावधानी से ही तोड़ते हैं इस पर लगने वाले फल बहुत अलग-अलग कामों में लिया जाता है। इस पौधे में औषधीय गुण पाए जाते हैं
खांसी से मिलेगा आराम
सत्यानाशी के पौधे के जड़ को पानी में उबालकर काढ़े के रूप में पीने से खांसी में तुरंत आराम मिलता है। सत्यानाशी जड़ के पाउडर को गर्म पानी या गर्म दूध के साथ सुबह-शाम पिलाने से कफ में आरम मिलता है। इसके अलावा सत्यानाशी को पानी में भिगोकर काढ़ा बनाकर पीने से तुरंत आराम मिलता है।
कुष्ठ रोग में उपयोगी
सत्यानाशी के बीजों के तेल से शरीर पर मालिश करने व इसके पत्ते के रस में दूध मिलाकर सुबह और शाम पिले से नाक कान से खून आना बंद हो जाता है और कुष्ठ रोग में भी आराम मिलता है। सत्यानाशी के दूध को घाव पर लगाने से पुराने घाव ठीक हो जाते हैं।सत्यानाशी रस को घाव को ठीक करने वाली औषधि मानी जाती है। सत्यानाशी तेल की बूंदों को गसोंठ के साथ मिलाकर सेवन करने से शरीर के सभी अंगों के दर्द ठीक हो जाते हैं. इसे शरीर के दर्द भगाने वाली औषधि माना जाता है।