Griha Pravesh Ke Niyam: हिंदू धर्म में गृह प्रवेश का बहुत बड़ा महत्व होता है। ये किसी त्योहार से कम नहीं होता। अपना खुद का एक नया घर होना हर व्यक्ति का सपना होता है। लोग अपने जीवन में कड़ी मेहनत करने के बाद खुद का एक अपना घर बना पाते हैं, इसीलिए नए घर में कदम रखना एक खास मौका होता है। भारतीय परंपरा में नए घर में जाने के लिए गृह प्रवेश पूजा आयोजित होता है।
गृह प्रवेश एक अनुष्ठान है जिसमें पूजा समारोह एक शुभ मुहूर्त पर ही आयोजित किया जाता है। शुभ मुहूर्त के साथ-साथ हिंदू धर्म में गृह प्रवेश के कुछ नियम भी बताए गए हैं जिनका पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। तो आइए जानते हैं अपने नए घर में प्रवेश करने के लिए ग्रह प्रवेश अनुष्ठान की आवश्यकता और कुछ नियमों के बारे में।
क्यों है गृह प्रवेश पूजा की आवश्यकता ( Griha Pravesh Ke Niyam )
वास्तु शास्त्र के अनुसार परिवार में सुख-शांति बनाए रखने के लिए गृह प्रवेश करते समय पूजा करना बहुत ही आवश्यक होता है। घर में गृह प्रवेश पूजा करने से वहां मौजूद नकारात्मक शक्तियां घर से दूर हो जाती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस अनुष्ठान से घर का वातावरण पवित्र और अध्यात्मिक रहता है। गृह प्रवेश पूजा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और बेहतर स्वास्थ्य आता है। इस पूजा से घर परिवार पर सदैव देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है।
ये हैं गृह प्रवेश के लिए बताए गए कुछ नियम
• हिंदू धर्म में आषाढ़ मास, श्रावण मास, भाद्रपद मास, अश्विनी मास, और पौष मास में गृह प्रवेश अशुभ माने जाते हैं।
• गृह प्रवेश हमेशा माघ, फाल्गुन, वैशाख या जेष्ठ के महीने में ही करना चाहिए।
• गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है।
• गृह प्रवेश करते समय अपने नए घर में दाहिना पैर रखकर ही प्रवेश करना चाहिए।
• नए घर के प्रवेश द्वार पर आम के पत्तों और नींबू का माला लगाना चाहिए जिससे नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर रहती है।
• मंगल कलश के साथ घर में प्रवेश करें।
• मंगल कलश में साफ पानी या हो सके तो गंगाजल भरकर उसमें आम या अशोक के 8 पत्तों के बीच नारियल रख लें।
• अच्छे मांगलिक गीत के साथ घर में प्रवेश करें।
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