National Street Food Festival: टेस्टी व ऑथेंटिक स्वाद के दीवानों का संगम बन गया नेशनल स्ट्रीट फूड फेस्टिवल

National Street Food Festival: बीते दिनों राजधानी दिल्‍ली में नेशनल स्ट्रीट फूड फेस्टिवल का बेहद खास आयोजन बन गया। नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया के द्वारा यह आयोजन हर वर्ष किया जाता है।

National Street Food Festival: स्‍ट्रीट फूड का स्‍वाद किसे नहीं भाता। चटकारेदार व्‍यंजन जिसका नाम ही मुंह में पानी ला देता है। देखते ही जी ललचा जाता है। यही कारण है कि‍ इन दिनों स्ट्रीट फूड का आयोजन किया जाता है जो हर बार अधिक भीड़ लेकर आता है। जैसे बीते दिनों दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में नेशनल स्ट्रीट फूड फेस्टिवल के 14वें सीजन में नजर आया। प्रामाणिक भोजन के शौकीनों के लिए यह आयोजन हर बार खास होता है। नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया यानी नास्‍वी ने यह आयोजन 14 और 15 दिसंबर को किया।

बता दें कि यह अनूठा और जीवंत फ़ेस्टिवल 25 से ज्यादा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्ट्रीट फ़ूड वेंडर्स को एक साथ लाता है, जहां पर वे अपने राज्य के स्वादिष्ट, विविध और प्रामाणिक व्यंजन पेश करते हैं। जैसे, कश्मीर के वज़वान, केरल की मालाबारी बिरयानी और गुजरात की दाबेली से लेकर त्रिपुरा के चिकन भर्ता,  बंगाल के भुट्टे की कचौरी, चिकन कोशा, पाया सूप, भक्का और कई अन्य व्यंजन।

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इस बार एक अन्‍य चीज यहां जोड़ी गयी चाय चौक। हर वर्ष लोग चाय को लेकर उत्‍सुकता दिखाते थे इसलिए इस बार ऐसे चाय लवर के लिए अलग से व्‍यवस्‍था की गयी। यहां चाय के दीवानों 8 अलग-अलग राज्यों की चाय का स्वाद लिया। चाय लवर के लिए इस बार यह आयोजन अनूठा व बेहद खास बना।

मुख्‍य आयोजनकर्ता संगीता सिंह ने उन महिलाओं का भी जिक्र किया जो स्‍ट्रीट फूड के क्षेत्र में आगे आ रही हैं और बना रही हैं अपनी पहचान। उनके अनुसार यह उनके सशक्‍तीकरण का माध्‍यम बना है जो समाज को चुपके बदलने में योगदान कर रहा है। यहां कटिहार की महि‍ला वेंडर ने बात करने पर बताया कि स्‍ट्रीट फूड उनके परिवार के भरण पोषण के लिए है ही साथ ही यह काम वह सालों से कर रही हैं। वह कहती हैं कि महिलाओं को इस काम में आगे आना चाहिए। समाज क्‍या कहे इसकी परवाह नहीं करना चाहिए।

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इस फूड फेस्टिवल में प्रमुख आसाम की कोन चाट, हिमाचल का सिडू, तेलंगाना का मिलता लड्डू, पटना का लिट्टी चिकन, त्रिपुरा का बांगुई, महाराष्ट्र का मिसल पाव, गुजरात का खाउसा लखनऊ के गलावटी कबाब और निहारी, विशाखापटन के बम्बू चिकन का स्वाद चखने न केवल दिल्‍ली बल्‍कि आसपास के लोग भी आए।

इस फूड फेस्टिवल की सबसे खास बात यह है कि यहां वेज और नॉन वेज दोनों लोगों के लिए टेस्टी फूड मिलते हैं। बता दें कि यह आयोजन भारत के स्ट्रीट फूड और वहां के स्ट्रीट वेंडर को मौका देने के लिए हर वर्ष किया जाता है। उल्लेखनीय है कि एक स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को फूड व्यवसाय के मालिक में बदलने की औसत 60,000 रुपये से अधिक होती है। ये कार्यक्रम उन्हें आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के अवसर प्रदान करता है।

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