Mahakumbh Second Amrit Snan Mauni Amavasya: प्रयागराज महाकुंभ में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, मौनी अमावस्या पर आज दूसरा अमृत स्नान

Mahakumbh Second Amrit Snan Mauni Amavasya: आज मौनी अमावस्या है और इस मौके पर प्रयागराज में आयोजित दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और धार्मिक महाकुंभ मेले में दूसरा अमृत स्नान किया जा रहा है।त्रिवेणी के संगम तट पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ है।

Mahakumbh Second Amrit Snan Mauni Amavasya: इन दिनों आस्था का दुनिया सबसे बड़ा मेला प्रयागराज संगम तट पर लगा हुआ है। आस्था के महापर्व महाकुंभ की शुरुआत मकर संक्रांति पर 14 जनवरी को  पहले अमृत स्नान से हुई। और आज 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर दूसरा अमृत स्नान किया जा रहा है। देर रात से संगम तट त्रिवेणी पर बड़ी तादाद में लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।

हिंदू धर्म में सभी अमावस्या तिथियों में से मौनी और सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान की मान्यता है। साथ ही शास्त्रों में पितरों को मोक्ष दिलाने और प्रसन्न करने से लिए भी अमावस्या को सबसे अच्छा दिन माना गया है। ऐसे में मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ अमृत स्नान के बाद श्राद्ध कर्म और पिंडदान को बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है।

संगम तट पर श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

हिंदू पंचांग के मुताबिक अमावस्या तिथि शाम 6.05 बजे रहेगा। जबकि ब्रह्म मुहूर्त 5 बजकर 25 मिनट पर शुरू होकर ब्रह्म मुहूर्त 6 बजकर 19 मिनट तक है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने संगम में डुबकी लगाकर दान-पुण्य का काम कर रहे हैं। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और दान का खास महत्व है। इस दिन सूर्योदय से सूर्यास्त बीच कभी भी स्नान और दान का खास फल मिलता है, लेकिन सूर्यास्त के बाद पवित्र नदियों में स्नान की मनाही है।

मौनी अमावस्या पर राहुकाल का समय

मौनी अमावस्या पर आज राहुकाल दोपहर 12.34 से 1.55 बजे तक रहेगा। इस दौरान महाकुंभ में स्नान धर्मसम्मत रहेगा है। धर्म के जानकारों के मुताबिक राहुकाल के दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने का पुण्य फल नहीं मिलता है।

मौनी अमावस्या पर खास योग और संयोग

मौनी अमावस्या के मौके पर आज त्रिग्रही, शिव वास, सिद्धि, वृषभ गुरु और वज्र योग का खास संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इसे बहुत ही शुभ और खास योग माना गया है। मान्यता है कि इस योग में किए गए दान और पुण्य कार्यों के कई गुना अधिक फल मिलते हैं।

अखाड़ों के लिए अमृत स्नान का क्रम और समय

महाकुंभ मेला प्रशासन ने पहले ही सभी 13 अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए समय और क्रम निर्धारित की सूचना दे दी है, ताकि पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।

  • पहले महानिर्वाणी अखाड़े के नागा संन्यासी स्नान करेंगे, इसके बाद श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा स्नान करेगा।
  • सुबह 5.50 बजे निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा स्नान करेंगे।
  • सुबह 6.45 बजे जूना अखाड़ा का स्नान होगा, इसके बाद आवाहन अखाड़ा और पंच अग्नि अखाड़ा एक साथ स्नान करेंगे
  • सुबह 9.25 बजे बैरागी अखाड़े के संत स्नान करेंगे, फिर 10.05 बजे दिगंबर अखाड़े के साधु-संत स्नान करेंगे।
  • 11.05 बजे निर्मोही अखाड़े के साधु-संत स्नान करेंगे, और आखिरी में उदासीन परंपरा के तीनों अखाड़े स्नान करेंगे।
  • दोपहर 12 बजे पंचायती अखाड़े के साधु-संत अमृत स्नान करेंगे, और 1.05 बजे पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन स्नान करेगा
  • अंत में पंचायती निर्मल अखाड़ा दोपहर 2.25 बजे स्नान करेगा।

अमृत स्नान के लिए विदेशों से भी पहुंच रहे हैं श्रद्धालु

महाकुंभ के दौरान स्नान तिथियां ज्योतिष गणना और ग्रहों की विशेष स्थिति के आधार पर निर्धारित की जाती हैं। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के बाद, 3 फरवरी 2025 को वसंत पंचमी, 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर अमृत स्नान आयोजित किए जाएंगे। इन दिनों को विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है, और देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इन तिथियों पर कुंभ मेले में सम्मिलित होते हैं।

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