Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट 2025 शनिवार 1 फरवरी सुबह 11 बजे संसद में पेश करेंगी। यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का लगातार आठवां बजट होगा। बजट से आम लोगों को सबसे ज्यादा फर्क रोजमर्रा की इस्तेमाल की चीजों के सस्ते और महंगे होने से पड़ता है। बजट से इस बार भी आम लोगों को कई चीजों के सस्ते होने की उम्मीद है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार बजट में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में लाने का ऐलान कर सकती है।
एनर्जी सेक्टर के एक्सपर्ट को उम्मीद है कि पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने से इनकी कीमतों में कमी आएगी। औसतन देश में पेट्रोल की कीमत 94 रुपये से 103 रुपये के बीच है। वहीं, डीजल की कीमत 87 रुपये के आसपास है। अगर सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाती है तो उसकी कीमत कम हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पेट्रोल और डीजल के दाम केंद्र सरकार घटा सकती है। ऐसी उम्मीदे हैं कि एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर पेट्रोल और डीजल के दाम घटाए जा सकते हैं। फिलहाल पेट्रोल पर 19.90 रुपये और डीजल पर 15.80 रुपये एक्साइज ड्यूटी लगती है।
2017 में लागू हुआ GST
अभी पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स जैसे पेट्रोल, डीजल, नेचुरल गैस और एविएशन टरबाइन फ्यूल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट जैसे टैक्स लगाए जाते हैं। हर राज्य में वैट की दरें अलग होती हैं, जिनसे उनकी कीमत एक राज्य से दूसरे राज्य में अलग-अलग होती हैं। 2017 में जब GST लागू हुआ, तब सरकार ने वन नेशन, वन टैक्स का टारगेट रखा था लेकिन पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST से बाहर रखा गया। अब अगर सरकार इन्हें GST के तहत लाने का फैसला करती है, तो एक समान टैक्स लगाने से फ्यूल की कीमतें पूरे देश में बराबर हो सकती हैं। यानी सभी राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें एक समान हो सकती है।
ऐसे तय होता है पेट्रोल-डीजल के दाम
दरअसल, GST लागू होने से फ्यूल पर अलग-अलग टैक्स हट जाएंगे और सिर्फ एक टैक्स लागू होगा। इससे कीमतें कम हो सकती हैं। अभी फ्यूल की बेसिक कीमत के तहत प्रोडक्शन कॉस्ट, ट्रांसपोर्ट कॉस्ट और डीलर के कमीशन को जोड़ा जाता है। इसके बाद केंद्र सरकार इस एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकारें अपने हिसाब से वैट लगाती हैं। इससे इसका कॉस्ट बढ़ जाता है। ऐसे में जीएसटी लागू होने से एक्साइज ड्यूटी और वैट हट जाएगा, जिससे कीमतों में कमी आएगी।
देशभर में एक समान हो जाएंगे पेट्रोल-डीजल के दाम
ऐसे में पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर राज्य में एक समान हो जाएंगी। इससे उद्योग जगत को काफी राहत मिल सकती है। दरअसल, सस्ता फ्यूल होने से ट्रांसपोर्ट और अन्य लॉजिस्टिक्स की कीमत कम होगी। इससे प्रोडक्ट्स की कीमतों पर भी असर पड़ेगा, जिससे ग्राहकों को भी फायदा होगा। इतना ही नहीं ट्रेडर्स GST के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम कर सकेंगे, जिससे उनकी लागत घटेगी।
GST लागू होने से कम होंगे पेट्रोल-डीजल के दाम
उद्योग संगठन कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री यानी CII ने सरकार से फ्यूल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने की मांग की है। ऐसा होने पर पेट्रोल-डीजल के दाम कम हो सकते हैं और लॉजिस्टिक्स कॉस्ट घटने से चीजें सस्ती हो सकती हैं। GST लागू होने से फ्यूल की कीमतें कम होंगी और आम जनता को राहत मिलेगी। हालांकि, सरकार को राज्यों के साथ मिलकर इस पर सहमति बनानी होगी, क्योंकि VAT राज्यों की बड़ी कमाई का जरिया है। बजट में GST को लेकर ऐलान नहीं होता लेकिन सरकार बजट में पेट्रोल-डीजल को साथ लाने को लेकर कुछ संकेत दे सकती है।