Premanand Ji Maharaj: जब प्रेमानंद महाराज को बीमारी के कारण आश्रम से निकाल दिया गया, महाराज जी खुद सुनाया किस्सा, रो पड़े भक्त

Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद महाराज भारत के बहुत बड़े संत हैं। तमाम बड़े नेता और अभिनेता महाराज जी के सत्संग में आते हैं। पूरी दुनिया में महाराज जी के लाखों करोड़ों अनुयाई हैं।

Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद महाराज वृंदावन के बहुत बड़े संत हैं। महाराज जी सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय है और वह लोगों को सरल सुझाव देने के लिए प्रसिद्ध है। महाराज जी का जीवन काफी संघर्ष पूर्ण रहा है। उनके दोनों किडनी खराब है जिनके कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। महाराज जी ने बताया कि एक समय था जब उनके किडनी खराब होने के बारे में उन्हें पता चला और उन्हें आश्रम से निकाल दिया गया। आश्रम के महंत ने कहा कि वह उनका कोई ठेकेदार नहीं है।

चलने की स्थिति नहीं थी तब आश्रम से निकाल दिया गया (Premanand Ji Maharaj)

प्रेमानंद महाराज ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा कि ‘ उस समय वह चलने की स्थिति में भी नहीं थे और उन्हें आश्रम से निकाल दिया गया। महाराज जी ने उस समय महंत से पूछा कि मुझे आश्रम से क्यों निकाला जा रहा है मेरा अपराध क्या है?’

तब आश्रम के महंत ने कहा कि कोई अपराध नहीं है। महंत ने कहा कि कोई कारण नहीं है बस ऐसे ही आपको आश्रम से निकलना होगा।

महाराज जी ने महंत से कहा था कि आपको समझ आना चाहिए कि मेरा शरीर बहुत बीमार है और कम से कम आपके यहां छत के नीचे तो पड़ा हूं। हमारा कोई भरोसा नहीं कब शरीर छूट जाए कम से कम आप लोगों के बीच में तो रहने दीजिए।

मैं आपका ठेकेदार हूं क्या?

महाराज जी की बातें सुनकर महंत ने कहा कि मैं आपका ठेकेदार हूं क्या? इसके बाद महाराज जी ने कुछ नहीं कहा और चुप हो गए। महंत ने कहा कि आपको हम 15 दिन का समय देते हैं आप आश्रम छोड़ दीजिए इसके बाद प्रेमानंद महाराज ने कहा कि बस 15 मिनट का समय चाहिए।

महाराज जी ने कहा कि हम तो बचपन से ही बैरागी हैं। किसी के आगे ऐसे थोड़े ही घुटने टेक देंगे इस माया के प्रपंच में। मैंने झोला उठाया और चल दिया। महाराज जी ने कहा कि मैं अभी गेट के बाहर भी नहीं निकल पाया तभी एक संत आए और पूछे कि झोला लेकर कहां घूम रहे हैं। मैंने कहा कि मुझे आश्रम से निकाल दिया गया है। इसके बाद संत ने कहा कि आओ ना बहुत बढ़िया व्यवस्था कर दिया है मैंने।

महाराज जी ने कहा कि जब हर तरफ से आपके लिए दरवाजा बंद हो जाएगा और हर इंसान मुंह फेर लेगा तो भगवान खुद आपके पक्ष में आकर खड़े हो जाएंगे। किसी के आगे घुटने टेकने की जरूरत नहीं है सिर्फ भगवान के आगे झुके। भगवान ही सबके महंत हैं और वही सबको थाम कर रखते हैं।

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