Pahalgam Attack के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने लिया बड़ा एक्शन, एक-एक दर्द का हिसाब लेगा भारत, PM कर रहे बड़े एक्शन की तैयारी

Pahalgam Attack : कश्मीर में टारगेट किलिंग के बाद देश गुस्से में है। इस कायराना हरकत के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग की जा रही है। श्रीनगर से लेकर कन्याकुमारी तक और मुंबई से लेकर कोलकाता तक.. पूरा देश स्तब्ध है। लोगों की संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के प्रति हैं। लेकिन चारों तरफ से एक ही मांग उठ रही है.. आतंकियोँ और आतंकियों के मददगारों को मटियामेट कर देने की..

Pahalgam Attack : पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ देश भर में गुस्सा है। इस जघन्य अपराध में शामिल आतंकियों और उनके आकाओं पर सख्त एक्शन की मांग की जा रही है। इज़रायल और अमेरिका से सीखने की भी सलाह दी जा रही है ताकि भविष्य में कोई अमन-चैन बिगाड़ने के बारे में सोच भी ना सके। पहलगाम आतंकी हमले की तुलना इज़रायल पर हुए आतंकी हमले से क्यों हो रही है और कैसे उसी तरह बदले की मांग की जा रही है, देखिए इस रिपोर्ट में।

2019 में हुआ था पुलवामा अटैक (Pahalgam Attack)

2019 के पुलवामा हमले के बाद जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ। निहत्थे पर्यटकों की टारगेट किलिंग की गई। आतंकियों ने धर्म पूछकर मासूम और निर्दोष लोगों को निशाना बनाया। पहलगाम के बैसरन की हरी-भरी वादियों में लोग अपने परिवार के साथ हंसी-मजाक में खोए थे, घुड़सवारी का लुत्फ रहे थे, तभी अचानक गोलियों की बौछार हुई और इन लोगों का सब कुछ छिन गया। धर्म पूछकर की गई हत्याओं ने इन परिवारों को जिंदगी भर ना भूलने वाला दर्द दे दिया

कुछ इसी तरीके से आज से करीब डेढ़ साल पहले इजरायल में आतंकी हमला हुआ था। ठीक ऐसा ही पैटर्न हमास के आतंकवादियों ने अपनाया था जब उन्होंने टारगेट किलिंग करके 1,200 इज़रायलियों की हत्या कर दी थी। आतंकियों का शिकार बने लोगों में से करीब ढाई सौ वो इजरायली भी थे जो पहलगाम की तरह मस्ती में डूबे हुए थे। रेइम के पास नोवा म्यूजिक फेस्टिवल में शिरकत कर रहे थे।

पहलगाम में हुआ टारगेट किलिंग

पहलगाम हो या इज़रायल, दोनों जगह आतंकियों का मकसद एक जैसा ही था।दोनों ही जगहों में आतंकियों ने सेना से टकराने की हिम्मत नहीं जुटाई.. जो उन्हें पलक झपकते गोलियों से भून देते.. और आवाज भी नहीं निकल पाती.. बल्किन दोनों जगह आतंकियों ने मजहब के नाम पर निहत्थों को निशाना बनाया.. और मकसद था देश में अस्थिरता का माहौल बनाना। दोनों ही मामलों में आतंकियों ने कायराना हरकत करके निहत्थे और निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया। उन लोगों की हत्या कर दी जो अपने परिवार या करीबियों के साथ खुशी के पल बिता रहे थे। पहलगाम में पाकिस्तान के सरकारी फंड पर चल रहे लश्कर ए तैयबा के आतंकियों ने हमला किया.. उन्होंने सैलानियों से उनका धर्म पूछा और गोलियों से छलनी कर दिया। जबकि 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में हुए हमले में हमास के आतंकियों ने भी यहूदी नागरिकों की चुन-चुनकर हत्या की थी। वीभत्स और क्रूर तरीके से हत्या की थी. दोनों ही देशों में आतंकियों ने मजहब की आड़ में अपनी कायराना साजिश को अंजाम दिया।

खास बात ये है कि आतंकियों ने हमला तो देखा, लेकिन हमले का अंजाम नहीं देखा.. होलोकॉस्ट के बाद यहूदियों पर सबसे घातक हमले के बाद इज़रायल ने हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया और आतंकी हमले के अगले ही दिन गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ ऑपरेशन आयरन स्वॉर्डस शुरू किया। इज़रायल के इस हमले में हमास का नामोनिशान मिट चुका है और हमास का गढ़ गाजा सपाट मैदान में तब्दील हो चुका है.. गाजा में कुछ बचा है तो वो हैं सिर्फ खंडहर और सड़ चुकी लाशें..

अब भारत के सामने भी वैसी ही स्थिति है.. और सवाल उठ रहे हैं कि जिस तरह इज़रायल ने आतंकी हमले के बाद हमास का नामोनिशान मिटा दिया, गाजा को मिट्टी में मिला दिया, क्या भारत भी बेगुनाहों की जान का बदला उसी अंदाज़ में लेगा। क्या भारत भी इज़रायल की तरह आतंकी हमला करने वालों और पड़ोस में बैठे उनके आकाओं को मिट्टी में मिला देगा? सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि आतंकवादियों ने इज़रायल की ही तरह भारत को सीधे-सीधे चुनौती दी है। जिस तरह आतंकी घटना करके इज़रायल के दिल को छलनी करने की कोशिश की गई थी, उसी तरह भारत के मस्तक कश्मीर को निशाना बनाया गया है। जिस कश्मीर में अमन-चैन का दौर लौट आया था, जहां का पर्यटन उद्योग फिर से फलने-फूलने लगा था, वहां आतंकियों ने अस्थिरता का माहौल बनाने की साजिश रची है। सीमा पार बैठे अपने आकाओं के निर्देश पर घाटी की शांत फिजा में ज़हर घोलने की कोशिश की है।

सवाल है कि क्या भारत में पहलगाम हमले के दोषियों पर ऐसी कार्रवाई करेगा कि कोई उसकी सरजमीं पर आतंकी हमला करने से पहले सौ बार सोचेगा। क्या इस बार भारत आतंक का फन कुचल देगा। क्या इस बार पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं को भी उनके किए की सजा मिलेगी।

ये हमला उस वक्त हुआ हुआ जब प्रधानमंत्री सऊदी अरब के दौरे पर थे और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत के दौरे पर आए हुए थे। हालांकि आतंकी हमला होते ही पीएम मोदी एक्टिव हो गए। उन्होंने सऊदी अरब से गृह मंत्री अमित शाह को फोन कर हालात की जानकारी ली। पीएम मोदी ने अमित शाह को सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।इतना ही नहीं पीएम मोदी अपना सऊदी अरब दौरा बीच में ही छोड़कर देश वापस लौट आए। और जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सऊदी यात्रा से लौट रहे थे.. तब उन्होंने आतंक के आका पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए उसके एयर स्पेस का भी इस्तेमाल नहीं किया.. प्रधानमंत्री के विमान ने वापस लौटने के लिए दूसरा हवाई मार्ग चुना।

पीएम के देश लौटने से पहले ही गृह मंत्री अमित शाह.. कश्मीर में मोर्चा संभाल चुके थे.. वो आतंकी हमले के कुछ ही घंटों के अंदर ही ग्राउंड जीरो पर पहुंच चुके थे.. श्रीनगर पहुंचते ही गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सि्न्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की और हालात की जानकारी ली। उन्होंने बैसरन घाटी का निरीक्षण भी किया, जहां मंगलवार को आतंकियों ने काय़राना हरकत को अंजाम दिया था।

गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों के परिजनों और हमले में बचे लोगों से मुलाकात भी की। इस दौरान लोगों का दुख साझा करते वक्त वो भावुक भी नजर आए। उन्होंने संवेदना व्यक्त की और आतंकियों को सख्त चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि पहलगाम के आतंकी हमले में अपनों को खोने का दर्द हर भारतीय को है। इस दुःख को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। मैं अपने इन सभी परिवारों और पूरे देश को विश्वास दिलाता हूँ कि बेगुनाह मासूम लोगों को मारने वाले इन आतंकियों को बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा।

कश्मीर में टारगेट किलिंग के बाद देश गुस्से में है। इस कायराना हरकत के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग की जा रही है। श्रीनगर से लेकर कन्याकुमारी तक और मुंबई से लेकर कोलकाता तक.. पूरा देश स्तब्ध है। लोगों की संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के प्रति हैं। लेकिन चारों तरफ से एक ही मांग उठ रही है.. आतंकियोँ और आतंकियों के मददगारों को मटियामेट कर देने की..

बहुत मुमकिन है कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में मौजूद टूरिस्टों पर गोलियां बरसाने वाले आतंकी.. घाटी से बाहर ना निकल पाएं.. उन सभी दरिंदों की तलाश में बहुत बड़ा ऑपरेशन शुरू हो चुका है.. जानकारी मिली है कि पहलगाम हमले में दो पाकिस्तानी दहशतगर्द भी शामिल थे। उनके साथ में दो स्थानीय आतंकी भी थे। अब तक चार आतंकियों के बारे में जानकारियां सामने आई हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने हमला करने वाले तीन आतंकियों के स्केच भी जारी किए हैं। जिन संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए हैं। इनके नाम अबू तलहा, आसिफ फौजी और सुलेमान शाह है।

सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक हमले का मास्टर माइंड लश्कर-ए तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद है। फिलहाल सरकार और सुरक्षा बलों ने इन आतंकवादियों और उनके आकाओं को दोजख दिखाने की पूरी तैयारी कर ली है। सवाल ये है कि इस आतंकी हमले के बाद भारत का एक्शन क्या हो सकता है। पहले भी पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक कर चुका भारत अब क्या कदम उठा सकता है?

सवाल ये है कि क्या इस बार भारत आतंक के आकाओं को नेस्तनाबूद कर देगा। कम से कम रक्षा विशेषज्ञ और पूर्व सैन्य अफसर तो यही चाहते हैं। देश के पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत अपनी भावनाएं उजागर करे और संयम की मांग या तीसरे पक्ष के आश्वासनों का शिकार न बने। भारत हमेशा अमेरिका या इजरायली रणनीति से सीख ले सकता है और अंतरराष्ट्रीय कानून से समर्थन हासिल कर सकता है जो ऐसी प्रतिक्रियाओं की अनुमति देता है।

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मौका और माहौल बता रहा है कि इस बार भारत सीमा पार मौजूद आतंकी ठिकानों को तहस-नहस कर देगा, ताकि कोई दहशतगर्द देश की सरजंमीं में घुसपैठ की जुर्रत ना कर सके। क्योंकि अब भी पीओके में लॉनम्चपैड एक्टिव हैं और वहां सैकड़ों आतंकी मौजूद हैं। इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, एलओसी के पास पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 42 टेररिस्ट लॉन्च पैड एक्टिव हैं। इन लॉन्च पैड पर 110 से 130 आतंकी मौजूद बताए जा रहे हैं। कश्मीर घाटी में 70 से 75 आतंकी एक्टिव हैं। जम्मू के राजौरी में 60 से 65 आतंकी एक्टिव हैं। ये सभी आतंकी पाकिस्तानी हैं।

संकेतों को मानें तो इन आतंकियों की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। उनके दिन गिनती के बचे हैं। मोदी सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो कह सकते हैं कि पाकिस्तान के भी बुरे दिनों की शुरुआत हो चुकी है। पाकिस्तान जानता है कि ये बदला हुआ भारत है.. जिसे कोई छेड़ता है, उसे छोड़ता नहीं है.. भारत की तरफ से संभावित कार्रवाई से पाकिस्तान थर-थर कांप रहा है। पाकिस्तानी सेना ने अपनी तरफ के लाइन ऑफ कंट्रोल पर हाई अलर्ट जारी किया है। क्योंकि अब बात आर-पार की है.. बहुत संभव है कि भारत भी अब इज़रायल की तरह आतंक के खिलाफ एक्शन लेने वाला है.. बहुत जल्द लेने वाला है.. इतना तो तय है कि भारत …पहलगाम हमले का सोचे से भी ज्यादा तगड़ा जवाब देगा। ये जवाब कैसा होगा, कब होगा, इसका फैसला सरकार और सुरक्षा एजेंसियां कर चुकी हैं.. और जब ये एक्शन सामने होगा.. तो पूरी दुनिया के होश उड़ जाएंगे..

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