Israel-Iran War: ईरान और इजरायल के बीच हालत लगातार बदलते जा रहे हैं। दोनों के बीच भीषण युद्ध जारी है और अभी तक कई लोगों की मौत हो चुकी है।
ईरान और इजरायल के बीच चल रहे तनाव और संभावित युद्ध की स्थिति में, भारत की स्थिति बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाती है। भारत के लिए यह तय करना मुश्किल होगा कि वह किसका साथ देगा, क्योंकि दोनों देशों के साथ भारत के संबंध अलग-अलग हैं।
ईरान के साथ भारत के संबंध (Israel-Iran War)
– ईरान भारत का एक महत्वपूर्ण ऊर्जा प्रदाता है, और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत हैं।
– ईरान भारत के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदार भी है, खासकर मध्य एशिया और पश्चिम एशिया में।
इजरायल के साथ भारत के संबंध
– इजरायल भारत का एक महत्वपूर्ण रक्षा भागीदार है, और दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध मजबूत हैं।
– इजरायल भारत को आधुनिक रक्षा तकनीक और सैन्य उपकरण प्रदान करता है।
भारत की स्थिति
– भारत ने हमेशा कहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेगा।
– भारत शांति और स्थिरता का समर्थन करता है और युद्ध के खिलाफ है।
ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की स्थिति में, भारत की स्थिति बहुत ही जटिल होगी। भारत को अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना होगा, और यह तय करना होगा कि वह किसका साथ देगा या नहीं। लेकिन यह स्पष्ट है कि भारत शांति और स्थिरता का समर्थन करेगा और युद्ध के खिलाफ होगा।
भारत किसके साथ होगा खड़ा
अभी कुछ समय पहले ईरान ने इसराइल को धमकी दी थी कि अगर इसराइल उसे पर हमला करेगा तो पाकिस्तान इसराइल पर परमाणु हमला कर देगा। इस कंडीशन में पाकिस्तान का साथ ईरान को साफ तौर पर मिल रहा है इससे भारत ईरान से दूरी बढ़ा सकता है लेकिन इसराइल हर कदम पर आतंकवाद विरोधी अभियान में भारत का साथ देता है।
भारत को मजबूरन एक पक्ष चुनना पड़े, तो रणनीतिक और वैश्विक गतिशीलता के आधार पर इज़रायल को चुनने की संभावना अधिक हो सकती है. हालांकि, भारत ईरान को पूरी तरह से त्यागने की संभावना नहीं रखता. चाबहार बंदरगाह और मध्य एशिया में भारत के हित ईरान को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाए रखते हैं।
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