Hariyali Teej 2025: हिंदू धर्म में हरियाली तीज के व्रत का काफी ज्यादा महत्व है और इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है। हरियाली तीज का व्रत मुख्यतः माता पार्वती को समर्पित है और यह पर्व सुहागन महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन सुहागन महिलाएं बहुत ही विधि विधान से पूजा पाठ करती है और अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं।
हरियाली तीज का महत्व (Hariyali Teej 2025)
हिंदू धर्म में हरियाली तीज के व्रत का इसलिए भी खास महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को उनके कठोर तपस्या के बाद अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। ऐसे में यह पर वह शिव और शक्ति के पुनर्मिलन के रूप में भी मनाया जाता है। हरियाली तीज के दिन कुछ खास मंत्रो का जाप करने से सभी परेशानियां दूर हो जाती है।
हरियाली तीज के मंत्र
– ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः
– ऊँ गौरये नमः
– ऊँ पार्वत्यै नमः
हरियाली तीज के शुभ अवसर पर इन मंत्रों के जाप से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
संतान की प्राप्ति के लिए
– ‘ऊँ साम्ब शिवाय नमः’
– ‘मुनि अनुशासन गनपति हि पूजेहु शंभु भवानि।
– कोउ सुनि संशय करै जनि सुर अनादि जिय जानि’
अगर कोई दंपत्ति संतान सुख से वंचित है तो हरियाली तीज के दिन वह इन मंत्रों का जाप कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि इन मंत्रों के जाप से दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
कुवारी कन्याओं के लिए मंत्र
हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।।
हरियाली तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के अलावा अविवाहित युवतियों द्वारा भी किया जाता है ताकि उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति हो सके। इसके लिए व्रत की पूजा के दौरान कुवारी कन्याओं इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
सनातन धर्म में हरियाली तीज का विशेष महत्व है। यह त्यौहार मुख्य रूप से दिल्ली हरियाणा राजस्थान पंजाब में मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।