Krishna Janmashtami 2025: आज पूरे देश में धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जा रहा है। पूरे देश में जन्माष्टमी की धूम देखने को मिल रही है वहीं कृष्ण मंदिरों में भक्तों का ताता लगा हुआ है। जन्माष्टमी के दिन अक्षर देखा जाता है की बारिश जरूर होती है। तो आईए जानते हैं कृष्ण जन्माष्टमी के दिन क्यों होती है बारिश…
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन क्यों होती है बारिश (Krishna Janmashtami 2025)
जन्माष्टमी के दिन बारिश होने का धार्मिक कारण श्रीकृष्ण के जन्म से जुड़ी कथा और उनकी दिव्य लीला में छिपा है। ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, उस समय कंस के भय से वसुदेव और देवकी को कारागार में बंद किया गया था। भगवान का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ। उस रात घनघोर अंधकार था, और चारों ओर तेज बारिश हो रही थी।
जब वसुदेव भगवान कृष्ण को गोकुल ले जाने के लिए यमुना नदी पार कर रहे थे, तब बारिश इतनी तेज थी कि यमुना का जल स्तर बढ़ गया। उसी समय, शेषनाग ने अपने फन फैलाकर भगवान कृष्ण को बारिश से बचाया। यह घटना बारिश को श्रीकृष्ण की दिव्य उपस्थिति और प्रकृति के साथ उनके संबंध का प्रतीक बनाती है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जन्माष्टमी पर बारिश होना इस बात का संकेत है कि प्रकृति भी भगवान के जन्म का उत्सव मनाती है। बारिश को शुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। यह दिन भगवान कृष्ण के जीवन और उनकी लीलाओं के प्रति भक्ति का संदेश देता है।
जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के पूरे विधि विधान के साथ पूजन किया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण को तरह-तरह के भोग लगाए जाते हैं और भक्त पूरी रात भगवान कृष्ण के सामने भजन कीर्तन करते हैं। भगवान कृष्ण का जन्माष्टमी के दिन ही जन्म हुआ था।
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