8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग की घोषणा की जा चुकी है लेकिन अभी इस पर काम नहीं हो रहा है। एक तरफ जहां केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स बेसब्री से आठवें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ वेतन आयोग से जुड़ा फाइल अभी आगे नहीं बढ़ा है।
आठवें वेतन आयोग को लेकर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में उत्सुकता बनी हुई है, लेकिन लेटेस्ट अपडेट के अनुसार इसका कार्यान्वयन 2028 तक टल सकता है। जनवरी 2025 में इसकी घोषणा के बाद भी अब तक प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है। आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) अब तक तय नहीं हुए हैं और अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति भी लंबित है।
क्या है देरी का कारण? (8th Pay Commission)
आठवें वेतन आयोग के गठन के बाद भी सरकार ने इसकी प्रक्रिया को तेज नहीं किया है। पिछली बार 7वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन में लगभग 3 साल (27 महीने) का समय लगा था। यदि 8वें वेतन आयोग के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है, तो इसका लागू होना 2027 के अंत या 2028 की शुरुआत तक ही संभव है।
आयोग लागू होने पर क्या होगा बदलाव?
आठवें वेतन आयोग के लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की वेतन संरचना में बड़ा बदलाव होगा।
फिटमेंट फैक्टर: इसे 1.8 से बढ़ाकर 2.86 किए जाने की संभावना है, जिससे न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 हो सकता है।
महंगाई भत्ता (DA): इसे मूल वेतन में जोड़ दिया जाएगा, जिससे पेंशन और वेतन दोनों में वृद्धि होगी।
पेंशन: न्यूनतम पेंशन ₹9,000 से बढ़कर ₹25,740 हो सकती है।
2028 तक इंतजार क्यों?
आठवें वेतन आयोग के लागू होने में देरी का मुख्य कारण सरकार की धीमी प्रक्रिया और आर्थिक परिस्थितियां हैं। वित्तीय घाटे और बजटीय दबावों के कारण सरकार इस प्रक्रिया में तेजी नहीं ला रही है। हालांकि, उम्मीद है कि आयोग लागू होने के बाद 1 जनवरी 2026 से एरियर का लाभ दिया जाएगा, लेकिन वास्तविक वेतन वृद्धि 2028 में ही संभव होगी।
कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। सरकार से उम्मीद है कि वह जल्द ही ToR फाइनल कर प्रक्रिया को तेज करेगी। हालांकि, मौजूदा रफ्तार को देखते हुए 8वें वेतन आयोग का कार्यान्वयन 2028 तक ही संभव है।
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