Tolini Vivah: असम के कुछ इलाकों में एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है, जिसे तोलिनी ब्याह कहा जाता है। इस परंपरा के अनुसार, जब किसी लड़की को पहली बार पीरियड्स आते हैं, तो उसकी शादी एक केले के पेड़ से कराई जाती है। यह परंपरा कई सालों से चली आ रही है और इसे आज भी निभाया जाता है।
इस परंपरा के दौरान, लड़की को कुछ दिन तक अपने परिवार से अलग रखा जाता है और उस पर सूरज की रोशनी नहीं पड़ने दी जाती है। इसके बाद, उसकी शादी एक केले के पेड़ से कराई जाती है, जिसमें पूरे परिवार के लोग शामिल होते हैं। शादी के दौरान, लड़की को खाने में सिर्फ फल दिए जाते हैं।
पीरियड के बाद पेड़ से होती है लड़की की शादी (Tolini Vivah)
शादी के बाद, लड़की पहले की तरह आम जिंदगी जीने लगती है। इस परंपरा को लड़की की पहली शादी माना जाता है, लेकिन जब लड़की बड़ी हो जाती है और शादी की उम्र होने लगती है, तो उसके लिए एक उपयुक्त लड़का ढूंढा जाता है और उसकी शादी कराई जाती है।
यह परंपरा असम के बोगांइगांव जिले के सोलमारी में आज भी जारी है। इस दौरान लोग जश्न मनाते हैं और गाना बजाना होता है। यह परंपरा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह लड़की के जीवन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी है।
इस परंपरा के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि लड़की को समाज में एक नई पहचान देना या उसे जीवन के एक नए चरण में प्रवेश करने के लिए तैयार करना। हालांकि, यह परंपरा आज के समय में भी जारी है, जो कि एक दिलचस्प बात है।
कुल मिलाकर, तोलिनी ब्याह एक अनोखी परंपरा है जो असम के कुछ इलाकों में निभाई जाती है। यह परंपरा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह लड़की के जीवन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी है।
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Google News, Twitter और YouTube पर फॉलो करें।Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा–तरीन खबर।

