Margashirsha Maas 2025: मार्गशीष मास (जिसे अगहन मास भी कहा जाता है) इस बार 15 नवंबर से शुरू होकर 15 दिसंबर तक रहेगा। यह महीना धर्म, दान और साधना के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है। पुराणों के अनुसार इस माह में भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को वैकुंठधाम की प्राप्ति होती है। लेकिन साथ ही कुछ ऐसी गलतियां हैं जो यदि इस माह में हो जाएं, तो देवी-देवताओं की कृपा के बजाय नाराजगी भी मिल सकती है।
क्या करें (Margashirsha Maas 2025)
1. भगवान विष्णु की पूजा:
प्रतिदिन तुलसी के पत्ते से विष्णु भगवान को अर्घ्य देना चाहिए।
2. दान और सेवा:
गरीबों को वस्त्र, भोजन या घी का दान करें। यह पुण्य प्रदान करता है।
3. गंगा स्नान और व्रत:
गंगा जल से स्नान करना या प्रतिदिन स्नान के बाद गायत्री मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी है।
4. सत्संग और भागवत कथा श्रवण:
इस माह में धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन और सुनना शुभ फल देता है।
5. गृह शुद्धि:
घर में प्रतिदिन दीपक जलाएं और वातावरण को पवित्र रखें।
क्या न करें
1. तुलसी तोड़ने से बचें:
मार्गशीर्ष मास में तुलसी पत्ते तोड़ना अशुभ माना जाता है।
2. मांसाहार और नशा:
इस महीने में मांस-मदिरा का सेवन वर्जित है।
3. झगड़ा और नकारात्मक बातें:
घर में कलह करने से देवी-देवता नाराज होते हैं।
4. देर तक सोना:
सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान व पूजा करना चाहिए।
5. दान से इंकार:
जो भी आपसे मदद मांगे, उसे यथाशक्ति सहायता देना शुभ माना गया है।
मार्गशीर्ष मास का महत्व ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ में स्वयं श्रीकृष्ण ने बताया है — “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्” अर्थात्, मैं महीनों में मार्गशीर्ष हूं। इसका अर्थ है कि यह महीना ईश्वरीय ऊर्जा से परिपूर्ण होता है। इस समय साधना करने से मनुष्य को सांसारिक और आध्यात्मिक दोनों सुखों की प्राप्ति होती है।
मार्गशीर्ष माह आत्मशुद्धि, भक्ति और दान का महीना है। इस दौरान यदि व्यक्ति नियमों का पालन करता है और बुराइयों से दूर रहता है, तो उसका जीवन सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।
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