Ayodhya Flag Hosting : रामनगरी अयोध्या एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है। 25 नवंबर को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में होने वाले विशेष ध्वजारोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। मंदिर के भव्य शिखर पर पीएम मोदी स्वयं ध्वज फहराएंगे। यह अवसर रामभक्तों के लिए गर्व और आस्था से भरा हुआ क्षण माना जा रहा है। पूरे अयोध्या शहर में दिवाली जैसा उत्साह दिखाई दे रहा है।
शहर की गलियों से लेकर मंदिर तक हर जगह रंग-बिरंगी रोशनियों, फूल-मालाओं और सजावट से वातावरण भक्तिमय हो चुका है। स्थानीय लोगों, भक्तों और संत समाज में इस आयोजन को लेकर जबरदस्त उत्साह है।
संत समाज की विशेष प्रतिक्रिया- रामराज की ओर एक कदम ( Ayodhya Flag Hosting )
जगत गुरु परमहंस आचार्य जी महाराज ने कार्यक्रम को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में अयोध्या ने वह स्वरूप पाया है, जिसका वर्णन सदियों पुराने ग्रंथों में किया गया है। उन्होंने कहा कि—
“आज की अयोध्या वही दिखती है, जिसका वर्णन वेदों और पुराणों में मिलता है। प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या को विश्व-आस्था का केंद्र बना दिया है।”
संतों के अनुसार, मंदिर में धर्मध्वज स्थापना केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि रामराज, सद्भाव, प्रेम और मानवता का प्रतीक है। वे इसे हिंदू धर्म की शाश्वत भावनाओं को विश्वभर में संदेश देने वाला अवसर मानते हैं।
भक्तों में उत्सुकता चरम पर, पीएम मोदी के प्रति आभार
अयोध्या के संतों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अयोध्या को विकास और धर्म दोनों का केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भूमि पूजन से लेकर प्राण प्रतिष्ठा और अब ध्वजारोहण—हर चरण में उनकी मौजूदगी ने करोड़ों रामभक्तों को गर्व का अनुभव कराया है।
लोगों में कार्यक्रम को देखने की तीव्र उत्सुकता है, और शहर में सुरक्षा तथा व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है।
अयोध्या सभी धर्मों का शहर, गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक
अयोध्या के मुस्लिम समुदाय के प्रमुख चेहरों में से एक इकबाल अंसारी ने भी समारोह को लेकर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अयोध्या को ऐसा स्वरूप दिया है जहां हर धर्म, हर समुदाय स्वयं को सुरक्षित और सम्मानित महसूस करता है। उनके अनुसार, अयोध्या केवल हिंदुओं का धार्मिक केंद्र नहीं, बल्कि गंगा-जमुनी संस्कृति का प्रतीक है जहां सभी समुदायों के पूजा स्थल मौजूद हैं।
25 नवंबर का दिन अयोध्या के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा। पीएम मोदी द्वारा राम मंदिर पर ध्वजारोहण केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का उज्ज्वल प्रतीक होगा। भक्तों, संतों और पूरे शहर में उत्साह चरम पर है और अयोध्या एक बार फिर विश्व की आस्था का केंद्र बनने जा रही है।
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