Pakistani statement on Ram Mandir: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर हाल ही में भगवा ध्वज फहराए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल देखने को मिल रही है। पाकिस्तान के कुछ राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भारत पर कथित रूप से “इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने” का आरोप लगाया है। इस बयान के बाद एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तल्खी देखने को मिल रही है।
दरअसल, अयोध्या स्थित राम मंदिर भारत के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। मंदिर निर्माण से लेकर धार्मिक आयोजनों तक, यह विषय भारत की आंतरिक धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा हुआ है। हाल ही में मंदिर परिसर में भगवा ध्वज फहराया गया, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। इसके बाद पाकिस्तान में इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई।
पाकिस्तान के कुछ नेताओं ने दावा किया कि यह कदम धार्मिक असहिष्णुता को दर्शाता है, हालांकि भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है। भारतीय विदेश मामलों से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी धार्मिक स्थल पर धार्मिक ध्वज फहराना वहां की आस्था और परंपरा का हिस्सा होता है, न कि किसी समुदाय के खिलाफ संदेश।
Pakistani statement on Ram Mandir: भड़का पाकिस्तान
भारत सरकार के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि राम मंदिर से जुड़ी गतिविधियां पूरी तरह संवैधानिक दायरे में आती हैं और इसमें किसी भी प्रकार की बाहरी दखलअंदाजी स्वीकार नहीं की जा सकती। भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था सभी धर्मों को समान सम्मान देती है और यहां धार्मिक स्वतंत्रता संविधान द्वारा सुरक्षित है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान अपने आंतरिक राजनीतिक संकट और आर्थिक चुनौतियों से ध्यान हटाने के लिए समय-समय पर ऐसे मुद्दों को हवा देता है। भारत को लेकर बयानबाजी वहां की घरेलू राजनीति का हिस्सा बन चुकी है, जिसका उद्देश्य जनता का ध्यान वास्तविक समस्याओं से हटाना होता है।
सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा ट्रेंड कर रहा है। भारत में जहां लोग इसे आस्था और सांस्कृतिक गौरव से जोड़ रहे हैं, वहीं पाकिस्तान में भी इस विषय पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई यूजर्स इसे राजनीतिक स्टंट बता रहे हैं, तो कुछ इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की मांग कर रहे हैं।
कूटनीतिक जानकारों के अनुसार, इस तरह के बयान अक्सर मीडिया तक सीमित रहते हैं और इनका जमीनी स्तर पर कोई खास असर नहीं पड़ता। दोनों देशों के बीच पहले से ही रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं और ऐसे बयान उन्हें और अधिक तीखा बना देते हैं।
अयोध्या में भगवा ध्वज फहराए जाने को लेकर भारत ने अपना रुख साफ कर दिया है कि यह देश की धार्मिक स्वतंत्रता का विषय है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि भारत किसी भी प्रकार के धार्मिक भेदभाव का समर्थन नहीं करता और यहां सभी समुदायों को बराबरी का अधिकार है।
राम मंदिर पर भगवा ध्वज फहराया जाना भारत के लिए श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है, जबकि पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को भारत में राजनीतिक बयानबाजी के तौर पर देखा जा रहा है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि यह मुद्दा कूटनीतिक स्तर पर कितना असर डालता है।
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