Kashi Vishwanath Temple: भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है और यहां मौजूद कई प्राचीन मंदिर आस्था के साथ-साथ रहस्यों के लिए भी प्रसिद्ध हैं।ऐसा ही एक अद्भुत धार्मिक स्थल है काशी विश्वनाथ मंदिर, जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सदियों से लोगों की आध्यात्मिक आस्था को मजबूत करता आया है।
मृत्यु भी नहीं तोड़ पाती इस मंदिर से जुड़ा बंधन (Kashi Vishwanath Temple)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काशी वह स्थान है जहां स्वयं भगवान शिव का वास माना जाता है।कहा जाता है कि जो व्यक्ति काशी में प्राण त्याग करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।मान्यता है कि अंतिम समय में भगवान शिव स्वयं तारक मंत्र देकर आत्मा को मुक्त करते हैं।
इसी वजह से देश-विदेश से श्रद्धालु जीवन में एक बार काशी आने की कामना करते हैं।
हर समय गूंजते रहते हैं हर-हर महादेव के जयकारे
काशी विश्वनाथ मंदिर में दिन-रात पूजा-अर्चना चलती रहती है।सुबह मंगला आरती से लेकर रात की शयन आरती तक मंदिर परिसर शिव भक्ति में डूबा रहता है।
श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर में प्रवेश करते ही एक अलग तरह की शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है।
मंदिर से जुड़े रहस्य जो आज भी चौंकाते हैं
यह मंदिर इतिहास में कई बार आक्रमणों और विध्वंस का शिकार हुआ,लेकिन हर बार इसे दोबारा उसी आस्था और श्रद्धा के साथ पुनः स्थापित किया गया।मान्यता है कि यहां स्थित शिवलिंग स्वयंभू है, यानी यह किसी मानव द्वारा निर्मित नहीं है।मंदिर और गंगा नदी से जुड़ी कई रहस्यमयी कथाएं आज भी लोगों को आकर्षित करती हैं।
आधुनिक विकास के साथ बदली काशी की तस्वीर
हाल के वर्षों में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के बाद श्रद्धालुओं के लिए दर्शन व्यवस्था और अधिक सुगम हो गई है।अब बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालु भी आसानी से बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर पा रहे हैं। यह आस्था और विकास का अनोखा उदाहरण बन चुका है।
सिर्फ पूजा नहीं, आत्मिक अनुभव है काशी
धर्माचार्यों के अनुसार काशी केवल एक तीर्थ स्थल नहीं,
बल्कि आत्मा की शुद्धि और जीवन के सत्य को समझने का स्थान है।यहां किया गया दान, जप और सेवा कई गुना फल देने वाला माना जाता है।
काशी विश्वनाथ मंदिर सदियों से सनातन धर्म, आस्था और संस्कृति का प्रतीक रहा है।समय बदला, शासन बदले, लेकिन बाबा विश्वनाथ की महिमा आज भी उतनी ही अटूट है।यही कारण है कि यह मंदिर आज भी करोड़ों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।
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