Paush Putrada Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष स्थान है। इन्हीं पावन तिथियों में से एक है पौष पुत्रदा एकादशी, जिसे संतान के सुख, स्वास्थ्य और उन्नति से जोड़कर देखा जाता है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन श्रद्धा और नियम के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से संतान को दीर्घायु और जीवन में तरक्की का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पौष मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली यह एकादशी भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित होती है।शास्त्रों में उल्लेख है कि जो माता-पिता इस दिन व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा करते हैं,उनके घर में सुख-शांति बनी रहती है और संतान के जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।इसी कारण इस एकादशी को “पुत्रदा” कहा गया है।
पौष पुत्रदा एकादशी पर करें इन मंत्रों का जाप (Paush Putrada Ekadashi 2025)
इस शुभ दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीपक जलाकर नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करें।मंत्र जाप के लिए तुलसी की माला का प्रयोग करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
- ॐ श्री विष्णवे नमः
- ॐ नारायणाय नमः
इन मंत्रों का कम से कम 108 बार जाप करने से संतान को उत्तम स्वास्थ्य, बुद्धि,दीर्घायु और जीवन में सफलता का आशीर्वाद मिलने की मान्यता है।
व्रत और पूजा का महत्व
पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत केवल संतान सुख तक सीमित नहीं है, बल्कि यह परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि भी लाता है। इस दिन सात्विक भोजन,
सत्य और संयम का पालन करने से व्रत का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।द्वादशी के दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करना भी शुभ माना जाता है।
पौष पुत्रदा एकादशी आस्था, विश्वास और भक्ति का पर्व है।यदि इस दिन पूरे श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की पूजा और मंत्र जाप किया जाए,तो संतान के जीवन में सुख, सफलता और उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त होता है।
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