रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष ब्रज भूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के मामले में पहलवानों ने तीन महिने बाद फिर से धरना दे दिया है. पहलवानों ने रविवार को जंतर जंतर से अपने धरने की शुरुआत की. पहलवानों का कहना है कि 3 तीन महीने हो गए और हमें अभी तक इंसाफ नहीं मिला. वहीं कई महिला पहलवानों ने कनॉट प्लेस थाना में WFI अध्यक्ष ब्रज भूषण के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया.
क्या है पूरा मामला
तीन महीने पहले भारतीय ओलंपिक मेडलिस्ट असक्षी मलिक, विनेश फोगट सहित कई महिला पहलवानों ने WFI के अध्यक्ष ब्रज भूषण के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था. पहलवानों ने खेल मंत्रालय को WFI अध्यक्ष को उनके पद से हटाने और पहलवानों को इंसाफ दिलाने की मांग की थी. जिसके चलते महिला पहलवानों ने बजरंग पुनिया के साथ मिलकर दिल्ली के जंतर मंतर पर कई दिन धरना प्रदर्शन किया था.
पहलवानों की मांग को सुनते हुए खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने WFI अध्यक्ष को उनके पद से हटा दिया और मेरी कॉम की अगुवाई में एक कमिटी बनाई. कमिटी में मेरी कॉम के अलावा ऑलिपिक्स मेडलिट्स पहलवान योगेश्वर दत्त, पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी तृप्ति मुरगुंडे जैसे कई लोग शामिल थे. बाद में इस कमिटी में गीता फोगट को भी शामिल किया गया. इस कमिटी को कुश्ती फेडरेशन के काम संभालने की जिम्मेदारी दी गई.
पहलवानों का कहना न्याय नहीं मिला इसलिए कर रहे फिर से धरना
पहलवानों ने कहा- 3 महीने हो गए, पर हमें न्याय नहीं मिला, इसलिए हम फिर से विरोध कर रहे हैं. हम न्याय की मांग करते हैं, अभी तक FIR दर्ज नहीं की गई है. पहले हम से कहा जाता था कि FIR कराओ, अब हम FIR कराने जा रहे हैं तो पुलिस सुन नहीं रही है.
पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि हमने 2 दिन पहले ही थाने में शिकायत दी थी. मगर अभी हमारी सुनवाई नहीं हुई, न ही FIR दर्ज हुई है. शिकायत देने वालों में एक नाबालिग समेत सात पहलवान शामिल हैं. ढाई महीने इंतजार करने के बाद हमने फिर से धरना देने का फैसला लिया है.
विनेश के कहा अब जंतर मंतर पर ही खाएंगे सोएंगे
पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों ने यह आरोप लगाए हैं. हम यह शोषण सहन कर रहे हैं। 3 महीनों में कमेटी के किसी सदस्य ने संपर्क किया। बार-बार कहा जा रहा है कि पहलवानों ने सबूत नहीं दिया है. कोई एक बार बृजभूषण से भी उसके बेगुनाही के सबूत ले. हम तो कह रहे हैं कि पूरे प्रकरण में नार्को टेस्ट कराया जाना चाहिए. केस की CBI जांच भी होनी चाहिए. इसके बाद जो भी दोषी होगा उसको दंड दिया जाना चाहिए. उसमें अगर हम भी गलत साबित होते हैं, तो हम भी दंड स्वीकार करेंगे. अब हम जंतर-मंतर पर ही खाएंगे, सोएंगे. मगर न्याय लेकर ही उठेंगे. हम कुश्ती के लिए ही लड़ाई लड़ रहे हैं. इसके लिए हम अपनी जान भी दे देंगे. जब हम मरेंगे तो भी जंतर-मंतर पर मरेंगे.
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