यह अयोध्या में स्थित सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। यह मंदिर अयोध्या में सरयू नदी के दाहिने तट पर एक ऊंचे टीले पर स्थित है।
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इलाहाबाद किले से सटा यह मंदिर लेटे हुए हनुमानजी की प्रतिमा वाला एक छोटा किंतु प्राचीन मंदिर है। यह संपूर्ण भारत का केवल एकमात्र मंदिर है जिसमें हनुमानजी लेटी हुई मुद्रा में हैं।
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राजस्थान के दौसा जिले के पास मेहंदीपुर नामक स्थान है, जहां पर हनुमानजी बाल स्वरूप में हैं। इनके चरणों में छोटी-सी कुंडी है जिसका जल कभी समाप्त नहीं होता।
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हनुमानजी का यह मंदिर राजस्थान के चुरु जिले के गांव सालासर में स्थित है। यहां स्थित हनुमानजी की प्रतिमा दाढ़ी व मूंछ से सुशोभित है।
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हनुमानजी का यह मंदिर राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है। अलवर जिला मुख्यालय से लगभग 55 किमी दूर सरिस्का अभयारण्य में स्थित है।इस मंदिर स्थान को पान्डुपोल के नाम से जाना जाता है।
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गुजरात के भावनगर के सारंगपुर में विराजने वाले कष्टभंजन महाराजाधिराज हनुमान यहां हनुमान दादा के नाम से पुकारे जाते हैं।
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विंध्य पर्वत श्रृंखला के मध्य बसे चित्रकूट के ‘हनुमान धारा’ के बारे में मान्यता है कि यहीं की जलधार से रावण की सोने की लंका का दहन करने के बाद हनुमान जी के शरीर की तपन शांत हुई थी।
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द्वारका से चार मील की दूरी पर स्थित बेटद्वारका हनुमान दंडी मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां पहली बार हनुमानजी अपने पुत्र मकरध्वज से मिले थे। यहां दोनों आनंदित मुद्रा में हैं और उनके हाथों कोई शस्त्र भी नहीं है। यह मंदिर 500 साल से भी ज्यादा पुराना बताया जाता है।
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जामनगर गुजरात का एक शहर है। यह अरब सागर से लगा कच्छ की खाड़ी के दक्षिण में स्थित है।
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कहा जाता है कि हनुमान मंदिर का निर्माण नवाब शुजाउद्दौला की बेगम और मुगलिया खानदान की बेटी आलिया बेगम ने करवाई थी।
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