Shahid Bloody Daddy: शाहिद कपूर ने इस साल वेब सीरीज फर्जी से अपना ओटीटी डेब्यू किया था। आज उनकी फिल्म ब्लडी डैडी जिओ सिनेमा पर रिलीज हुई है। यह फिल्म 2011 मैं आई फ्रेंच फिल्म स्लीपलेस नाइट का रीमेक है। यह फिल्म कोरोनावायरस में स्थापित की गई है और इसकी कहानी ड्रग्स के कारोबार को दिखाती है। इस फिल्म का निर्देशन अली अब्बास जफर द्वारा किया गया है। इस फिल्म में शाहिद कपूर मुख्य भूमिका में है जबकि डायना पेंटी, रोनित राय, राजीव खंडेलवाल, संजय कपूर, अंकुर भाटिया समेत अन्य स्टार सपोर्ट इन रोल में नजर आए हैं। ब्लडी डैडी में एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी बने राजीव खंडेलवाल और शाहिद के बीच दमदार एक्शन सीन है।

क्या है फिल्म की पटकथा?
कहानी की शुरुआत मैं बताया गया है कि कैसे कोरोनावायरस रियल हर के दौरान करोड़ों लोग अपनी जान और रोजगार गवा चुके थे और क्राइम हद से ज्यादा बढ़ चुकी है। यह एक एक्शन थ्रिलर फिल्म है जिस के एक्शन को बेहतरीन तरीके से कोरियोग्राफ किया गया है। इस फिल्म में शाहिद कपूर यानी सुमेर को लापरवाह और गैर जिम्मेदार दिखाया गया है हालांकि वह एक शातिर दिमाग का आदमी है।

फिल्म की कहानी नारकोटिक्स विभाग में कार्य कर रहे सुमेर यानी शाहिद कपूर की है। वह दिल्ली में अपने साथी के साथ ड्रग्स ले जा रहे कार का पीछा करते हुए ड्रग्स अपने कब्जे में ले लेते हैं। यह ड्रग्स तकरीबन 50 करोड़ का होता है। यह बैग जिसे सुमेर ने अपने कब्जे में लिया था वह सिकंदर यानी रोनित रॉय का होता है। सिकंदर सुमेर से बैग वापस लेने के लिए उसके बेटे को अगवा कर लेता है। बाद में सुमेर बैग को लेकर होटल में पहुंचता है और उसे बाथरूम में छिपा देता है। इसी बीच सुमेर का पीछा कर रही अदिति यानी डायना पेंटी उस बैग की जानकारी एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी समीर यानी राजीव खंडेलवाल को बता देती है और बैग को उस जगह से हटा देती है। हालांकि सुमेर को नहीं पता उसका बॉस भ्रष्ट है। अब यह कहानी सुमेर के बैग को हासिल करने, अपने बेटे को वहां से निकालने और एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी का पर्दाफाश करने से संबंधित है।
(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है)
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