Ayodhya Ram Mandir: नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या की भूमि को रामलला की भूमि बताते हुए हिंदुओं के पक्ष में निर्णय लिया था। रामलला के भव्य मंदिर की निर्माण प्रक्रिया इसी साल दिसंबर तक पूर्ण होने का अनुमान है। राम मंदिर के निर्माण के लिए पूरे विश्व भर से 2100 से अधिक का चंदा इकट्ठा हुआ है। फिलहाल मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला के बालरूप के मूर्ति की चर्चा पूरे देश भर में हो रही है। इसके लिए अलग-अलग कलाकारों द्वारा तीन मूर्तियां तैयार की जा रही है जिनमें से सबसे उत्तम मूर्ति का चयन गर्भगृह में स्थापित करने के लिए किया जाएगा।

कैसे होगा रामलला के मूर्ति का चयन?
शास्त्रों में रामलला को नीलवर्णी बताया गया है लेकिन रामलला की जो तीन मूर्तियां तैयार हो रही है उनमें से एक श्वेत संगमरमर की है। रिपोर्ट्स के अनुसार विशेषज्ञों की एक टीम तीनों मूर्तियों की जांच करेगी और उनमें से जो भी मूर्ति सबसे ज्यादा जीवंत, लोगों के दिलों में बसी रामलला की छवि के अनुकूल होगी उसे ही गर्भगृह में स्थापित करने के लिए चयनित किया जायेगा।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने रामलला कि श्वेत श्याम छवि से जुड़े सवाल पर बताया कि प्रारंभिक चरण से लेकर मूर्ति के चयन के अंतिम चरण तक शास्त्रोक्त परंपरा और निर्देशों का पालन करना सर्वोपरि होगा और इस दृष्टि से जो भी उचित होगा वही किया जाएगा।

कैसी होगी रामलला की छवि?
रामलला की मूर्ति 5 वर्ष के बालक के रूप में होगी। इसके मुख-मुद्रा में बाल सुलभ की कोमलता संयोजित की जाएगी। मूर्ति में निर्दोष अनासक्ति के साथ-साथ सत्य के संकल्प की दृढ़ता भी नज़र आएगी। रामलला के मुख पर स्मित हास्य होगा तथा हाथों में धनुष भी। यह मूर्ति स्नातक यानी खड़ी मुद्रा में होगी। मूर्ति 4 फीट 4 इंच ऊंची है और इसके आधारभूत की ऊंचाई के साथ यह कुल 8 फीट 7 इंच की होगी।
(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है)
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