Cyclone Biparjoy: भारत में अब केरल के रास्त मानसून ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है, जिसके चलते बारिश के चलते दक्षिण भारत के इलाकों में भारी बारिश भी दर्ज की जा रही है. मानसून के साथ-साथ अब एक चक्रवाती तूफान बिपरजॉय भी लोगों की शामत बना हुआ है, जिसका असर कई राज्यों में देखने को मिल रहा है. इस भयानक तूफान से बचने के लिए प्रशासनिक तौर पर भी पूरे इंतजाम कर लिए गए हैं.
कई जगह एनडीआरएफ की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है, जिससे किसी को जान माल का नुकसान ना हो. इस बीच चक्रवात तूफान से जुड़ी कुछ रोचक बातें हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे, लेकिन इसके लिए आपको हमारी खबर नीचे तक पढ़नी होगी.
जानिए कैसे होता है तूफान का नामकरण
क्या आपको पता है कि किसी भी चक्रवाती तूफान का नाम करण कैसे होता है, उसके पीछे की वजह क्या रहती है. अगर पता है तो ठीक है, नहीं तो फिर ध्यान से पढ़ लें. इस खबर के अंदर हम आपको पूरी जानकारी आराम से देंगे, जिसके बाद आप खुश हो जाएंगे. आपको तो पता ही होगी कि हर तूफान का नामकरण अलग ही किया जाता है.
दरअसल तूफान का नामकरण करने की जिम्मेदारी 13 देशों के पास है. चक्रवात तूफान का नामकरण सिस्टमेटिक तरीके से किया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय मौसम विभाग संगठन के तहत आने वाले वॉर्निंग सेंटर की ओर से चक्रवाती तूफान का नाम रखा जाता है. इसमें सबसे खास यह होता कि जिन देशों में चक्रवात के आने की संभावना होती है उन्ही देशों का समूह तूफान का नाम रखता है.
इन देशों के पास है तूफान का नाम रखने का अधिकार
जानकारी के लिए बता दें कि चक्रवाती तूफान का नाम रखने का अधिकार गिने चुने देशों के पास है. इसमें सबसे पहले भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, ओमान, ईरान, मालदीव, श्रीलंका, थाईलैंड, सउदी अरब, कतर, यमन और यूएई शामिल हैं. चक्रवाती तूफान का नाम 64 देश अपनी बारी आने पर रखते हैं.
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