Bad Spirits: भूत, प्रेत, पिशाच, बुरी आत्माएं इन सभी से जुड़ी कई कहानियां और फिल्में सबने देखी होंगी और कई लोगों ने कभी न कभी इन्हें महसूस भी किया होगा। परंतु कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनका मानना है कि आत्माएं, भूत, प्रेत जैसी कोई चीज नहीं होती। क्या आप जानते हैं कि वास्तव में आत्माएं होती है या नहीं? इसमें सबकी अपनी अलग-अलग राय होती है। लेकिन शास्त्रों में आत्माओं के बारे में विस्तार से बताया गया है। तो आइए जानते हैं कि आत्माएं कैसे बनती हैं और कितने प्रकार की होती हैं।
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आत्माओं के विषय में क्या कहता है शास्त्र
शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति अपने जीवन में भूख, प्यास, क्रोध, पीड़ा, वसना आदि इच्छाओं के साथ मरता है उसे मृत्यु के पश्चात भूत बनकर भटकना पड़ता है। जिस किसी व्यक्ति की मृत्यु समय से पूर्व हुई हो अर्थात हत्या, आत्महत्या या किसी दुर्घटना के द्वारा, उनकी की आत्मा को इस लोक में भटकना पड़ता है। ऐसे भी लोग जिनका श्राद्ध कर्म, तर्पण इत्यादि नहीं किया गया हो उन्हे भी आत्मा बनकर भटकना पड़ता है।

तीन प्रकार की होती हैं आत्माएं
शास्त्रों में आत्माओं के तीन प्रकार के बारे में जिक्र किया गया। एक जीवात्मा जो हमेशा जीवित व्यक्ति के शरीर में वास करती है। दूसरी होती है प्रेतात्मा यह वो जीवात्मा होती है, जिसमें वासना या कामनाएं निवास करती है। तीसरी होती है सूक्ष्म आत्मा, ये वो आत्माएं होती हैं जो किसी सूक्ष्म शरीर में वास करती हैं। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार ऐसे पित्र जिनका श्राद्ध या तर्पण अपने लोगों द्वारा नहीं किया गया हो, वो अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए बुरी आत्माओं का रूप धारण कर परिवार के लोगों या किसी अन्य लोगों को परेशान करते हैं। इसीलिए हिंदू धर्म में श्राद्ध और तर्पण करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे लोग जिन्हें जानबूझकर तड़पाया या सताया गया हो वो भी मृत्यु के बाद बुरी आत्मा का रूप धारण करती हैं।
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कैसे लोगों पर पड़ता है बुरी आत्मा का साया?
ऐसे लोग जो ईश्वर की उपासना नहीं करते, हमेशा गलत काम करते हैं या मानसिक अथवा शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं उनके ऊपर आत्माओं का साया आसानी से पड़ने का डर रहता है। ऐसे भी लोग जो निशाचर प्रवृत्ति के होते हैं अथवा उनकी कुंडली में राहु विशेष स्थिति जैसे लग्न भाव या कुंडली के अष्टम भाव में हो, उनके ऊपर भी बुरी आत्माओं का साया आसानी से पड़ने का खतरा बना रहता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी, गणना अथवा सूचना के विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह विभिन्न प्रकार के माध्यमों, ज्योतिष, पंचांग और धार्मिक मान्यताओं के आधार पर तैयार कर आप तक पहुंचाई गई है।
(यह खबर विधान न्यूज़ के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)
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