Tomato Health Problems : टमाटर एक सब्जी है जो हमारे रोजमर्रा के भोजन में लगभग हमेशा मौजूद होता है, लेकिन आजकल उनकी कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। एक किलो टमाटर 140 रुपये के भाव में बिक रहे हैं और उन्हें घरों में भी आसानी से नहीं पाया जा सकता है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार, टमाटर सभी के लिए स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं होता है। कुछ लोगों के लिए टमाटर बिलकुल भी उपयोग नहीं है, वह भी अगर वे मुफ्त मिल रहे हों। आयुर्वेद में कुछ सब्जियां ऐसी होती हैं जैसे टमाटर, आलू, बैंगन और प्याज आदि, जिन्हें राजसिक माना जाता है। इसका अर्थ है कि इसके ज्यादा सेवन से पेट में अम्ल और गैस बढ़ जाती है। ऐसी सब्जियां शरीर में तीनों दोष (वात दोष, पित्त दोष और कफ दोष) को बढ़ाती हैं।
त्वचा में एलर्जी या खुजली
टमाटर उन लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है जो बार-बार त्वचा में एलर्जी आती है या जिन्हें लाल चकत्ते होते हैं। गर्म, तीखे खाद्य पदार्थ, टमाटर, आलू और बैंगन जैसे आहार पित्त दोष को बढ़ाते हैं। जब त्वचा में एलर्जी होती है, तो समझना चाहिए कि शरीर में पित्त दोष बढ़ गया है।
एसिडिटी और अल्सर की समस्या
चाहे टमाटर जितना भी आकर्षक और रसीला क्यों न दिखें, उन्हें खाने से पेट में अम्लता बढ़ जाती है। यह खाने के कारण पाचन अग्नि को दबा देते हैं, जिससे पाचन संबंधी समस्या और हार्टबर्न होता है। टमाटरों को खाने का एक अच्छा तरीका है उन्हें हल्दी, मिर्च और जीरे के साथ पकाना।
यदि आपको गुर्दे की पथरी है
अगर आपको गुर्दे की पथरी है, तो टमाटर न खाएँ। क्योंकि टमाटर में कैल्शियम ऑक्सेलेट होता है और इसके बीज गुर्दे में पथरी का कारण बन सकते हैं।
वात, गठिया या सूजन की समस्या
टमाटर पेट में गैस उत्पन्न करते हैं, इसलिए यदि आपको पहले से ही गैस की समस्या है, तो टमाटर न खाएँ। कच्चे टमाटर के टुकड़े खाने से गठिया और सूजन हो सकती है। इसलिए, जो लोग पहले से ही इस समस्या से पीड़ित हैं, उनके लिए कच्चे टमाटर अधिक हानिकारक होते हैं। टमाटर को हमेशा पकाएँ, मिर्च, जीरा और हल्दी के साथ पकाने से इसके दुष्प्रभाव कम होते हैं और शरीर को अधिक नुकसान नहीं पहुंचता।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और किसी भी चिकित्सा उपचार की दावा नहीं करता है। हमेशा अपने डॉक्टर से अधिक जानकारी और सलाह के लिए परामर्श करें और उनकी सलाह के आधार पर उचित परिवर्तन करें।