Smoke And Dust Diseases: प्रदूषण हो या सिगरेट का धुंआ इनसे ऐसी बीमारियां हो सकती हैं, जिनका अनुमान शायद आप नहीं लगा पाएं। पर हां, सिगरेट का धुंआ केवल आपको नुकसान करे ऐसा नहीं, आपके मित्र भी आ सकते हैं इसकी चपेट में। ऐसी वैसी आफत नहीं इससे आपको हो सकता है कैंसर भी। यह खुलासा किया है मेदांता के वरिष्ठ लग्स ट्रांसप्लांटेशन सर्जन डॉक्टर सुखराम विश्नोई ने विधान न्यूज से खास बातचीत के दौरान कही।
प्रदूषण और कारखाने का धुआं दे रहा कैंसर
भवन निर्माण के समय निकलने वाली धूल व कारखानों के अंदर से निकलने वाला धुआं (Smoke And Dust Diseases) अत्याधिक घातक होता है। काला धुआं बाहर निकलने पर सांस के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश कर जमने लगता है। धीरे धीरे इससे आपको सांस लेने में परेशानी होने लगती है। चूंकि इसके वैक्टीरिया जनित घातक कण सांस नली को क्षतिग्रस्त करके उसमें सूजन पैदा कर देते है। इस कारण लोगों का दम फूलने लगता है। यही लंबे समय तक बना रहे तो आगे चलकर कैंसर का रूप भी ले सकता है।
मास्क का उपयोग करें
घर पर प्रतिदिन होने वाले सफाई भी आपके परेशानी में डाल सकती है। अगर आप घर पर झाड़ू या फिर सोफा को साफ करने का काम करते है तो मास्क का उपयोग करे। दरअसल, घर की धूल में भी वैक्टीरिया के कण होते हैं। ये सफाई के दौरान हवा में फैलते हैं और आपके सांस लेते ही अंदर पहुंच जाते हैं। विशेषज्ञ का कहना है कि जो भी कण या धुआं शरीर के अंदर प्रवेश कर जाता है उसे बाहर निकालना संभव नहीं है। दवाईयों के माध्यम से बस उसे रोका जाता है।
सांस फूले तो हो जाएं सावधान
अगर आप थोड़ी सी भी चहलकदमी करते हैं और आपकी स्वांस फूलती है तो आप सावधान हो जाएं। लापरवाही न करते हुए तत्काल चिकित्सक से मिलकर परामर्श ले। क्योंकि कहीं न कहीं यह घातक बीमारी के लक्ष्ण हो सकते हैं। एक समय के बाद तो इस तरह की समस्या होने की आशंका होती है। लेकिन युवा उम्र में अगर यह समस्या आ रही है तो जरूर ऐसा कहा जा सकता है कि संभव है कि शरीर में कोई वायरस का मौजूद है।
धूमपान करने वालों से बनाएं दूरी
अगर आपके सर्किल में कोई बीड़ी, सिगरेट का सेवन कर है तो उनके सिगरेट पीते समय दूरी बनाकर रखें। स्मोकिंग ब्रांड बनाने वाली कम्पनियां सिगरेट का सेवन करने वाले लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर सिगरेट में आगे फिल्टर लगाती हैं। इससे उपयोग करने वाले का थोड़ा बचाव होता है। लेकिन जब आप स्मोकिंग के दौरान उनके पास में खड़े होते हैं तो उसके धुआं फेंकते ही आप सीधे उसके चपेट में आते है। स्वांस लेने के दौरान पूरा धुंआ (Smoke And Dust Diseases) बिना फिल्टर के अंदर होता है। यानी स्मोक करने वाले ज्यादा नुकसान आपका हो रहा होता है।
कोविड से मिले फेफड़ों को जख्म
कोविड काल के दौरान बड़ी संख्या में लोग बीमार हुए। इस दौरान सबसे अधिक अगर शरीर में कुछ डैमेज हुआ तो वह था फेफड़ा। अधिकांश लोग इसी में संक्रमण के कारण परेशान हुए। कोविड के दौरान जो लोग इस बीमारी की चपेट में आए और फिर ठीक भी हुए। पर उस दौरान फेफड़ा जो क्षतिग्रस्त हुआ उसका असर आज तक बना हुआ है। ठीक होने के बावजूद लोग वायरस के जख्म से बच नहीं पाए हैं। इसी का परिणाम है कि कोविड के बाद अधिक संख्या में फेफड़ों के मरीज बढ़े हैं।
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