Drawing And Creativity : ड्राइंग करने का दिमाग पर कई प्रकार के असर पड़ते हैं, जो रचनात्मकता और संज्ञानात्मक कौशल को सुधारने में मदद करते हैं। कुछ प्रमुख असर निम्लिखित हैं :
1. रचनात्मकता और कल्पना का विकास :
ड्राइंग करने से आपका दिमाग सृजनात्मक और कल्पनाशील होता है। आप अपनी विचारधारा को कागज पर धारण करते हैं, जिसके आपके दिमाग में नए विचार और दृश्य उत्पन्न होते हैं।
2. तनाव और चिंता कम होती है :
ड्राइंग करने से आप अपने दिमाग को वर्तमान क्षण में ले जाते हैं, जिसकी वजह से तनाव और चिंता कम होती है। ये एक प्रकार का माइंडफुलनेस का अनुभव है, जो दिमाग की चिंता को कम करता है।
3. एकाग्रता और फोकस बढ़ता है :
ड्राइंग करने के दौरान, आपको अपनी रचनात्मकता और विवरण पर ध्यान देना होता है। इसमें आपकी एकाग्रता और फोकस बढ़ता है और आपको वर्तमान क्षण में रहने में मदद मिलती है।
4. फाइन मोटर स्किल्स सुधारने में मदद :
ड्राइंग करने के लिए, आपके हाथ-उंगलीयां छोटे-छोटे मूवमेंट करते हैं। इसे आपकी फाइन मोटर स्किल सुधारने में मदद मिलती है।
5. समस्या-समाधान और निर्णय सुधारने में मदद :
ड्राइंग करते वक्त, आपको कुछ न कुछ नया बनाने की जरूरत होती है। यह आपके दिमाग का समस्या-समाधान और निर्णय लेने के कौशल का विकास होता है।
6. आत्म-अभिव्यक्ति और भावनात्मक विमोचन :
ड्राइंग एक तारिका है अपनी भावनाओं और विचारों को व्यक्त करने का। आप अपनी चिंता, ख़ुशी, या गुस्से को कागज़ पर रूपान्तरित कर सकते हैं, जो आपको आत्म-अभिव्यक्ति और भावनात्मक रिलीज़ का मौका देता है।
7. स्थानिक कौशल का विकास :
ड्राइंग करने से आपको 2डी और 3डी में सोचने की क्षमता मिलती है, जिससे आपके स्थानिक कौशल में सुधार होता है।
8. मेमोरी सुधारने में मदद :
ड्राइंग करने से आपको अपनी रचनाओं में याद रखने में मदद मिलती है। आप अपनी पहचान और अनुभवों को विज़ुअली याद कर सकते हैं।
(यह खबर विधान न्यूज में इंटर्न कर रहीं कशिश नागर ने तैयार की है)
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Twitter , Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबरें