Qatar Indians Death Penalty : कतर में 8 भारतीयों को मौत की सजा के पीछे हमास का हाथ तो नहीं ?

Qatar Indians Death Penalty Hamas : कतर के लिए 8 पूर्व भारतीय सैन्य अधिकारियों को लिए मौत की सजा देना आसान नहीं होगा। जानकार इसे हमास का समर्थक कतर का भारत को चिढ़ाने वाला कदम बता रहे हैं।

Qatar Indians Death Penalty Hamas : मिडिल इस्ट देश कतर से भारतीयों को नाराज करने वाली बहुत बड़ी खबर आई है। दोहा में ऐसा फैसला लिया गया जो भारत को उकसाने वाला है। जिस तरह से इस्राइल को लेकर भारत का रुख रहा है जैसे पीएम ने इस्राइल के साथ खड़े होने की बात कही थी। हमास का समर्थक कतर भारत (Qatar India Relations) को चिढ़ाने वाला कदम उठा सकता है। खुद को जेहादी मुस्लिम देशों का पैरोकार मानने वाला कतर जिस तरह से पाकिस्तान को तव्वजो देता रहा है उसमें ऐसा होना लाजमी ही था। कतर में आठ भारतीयों को जासूसी के आरोप पर मौत की सजा सुना दी गई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर का ये ट्वीट बता रहा है कि भारत हर तरह से सजा पाए आठ भारतीयों को छुड़ाने की कोशिश में जुट गया है। कतर के सुल्तान की तरफ से एक प्रेस रीलीज भी जारी किया गया है। क्या है पूरा मामला आपको बताते हैं?

Qatar India Relations
Qatar India Relations

अमीर देशों में शामिल कतर

पश्चिम एशिया का छोटा सा देश कतर जिसकी राजधानी दोहा है। इसके दक्षिण में सउदी अरब है जबकि तीन तरफ से फारस गल्फ से घिरा है। इसकी इकॉनमी चलती है तेल से और पर कैपिटा इनकम के हिसाब अमीर देशों में ये दूसरे नंबर पर आता है। लेकिन सवाल उठता है आखिर आनन फानन में वहां काम करने वाले 8 भारतीयों को आनन फानन में फांसी की सजा क्यों दी गई?

सीक्रेट तरीके से केस पर हुई सुनवाई ?

कतर ने पूरे मामले को काफी गुप्त तरीके से हैंडल कर रहा था। तफ्तीश में सिर्फ ओमान के एक अखबार टाइम्स ऑफ ओमान में ये खबर छपी मिली वो भी भारतीय न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से। अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि शरीया कानून से चलने वाला ओमान पड़ोसी है और वहां के अखवार को भी भारतीय न्यूज एजेंसियों के हवाले से ये खबर मिली।

देश कतर की नीयत भारत वाले इस संवेदनशील मामले में क्या रही होगी?

जिस तरह से इन आठ लोगों को जासूसी के आरोप में सजा दी गई है वो भी हैरत में डालने वाली है क्योंकि किसी कंपनी में एक आध का जासूसी करना तो समझ आता है लेकिन पूरे आठ लोग वो भी विदेशी धरती पर एक ही देश के ये समझ से परे है। खबर जब शुक्रवार को इंडियन मीडिया की हेडलाइन बनी तो कतर की तरफ से गाजा में युद्ध विराम को लेकर जयशंकर की तस्वीर के साथ प्रेस रीलीज जारी कर बताया गया कि भारत का रुख गाजा में युद्ध विराम की है।

8 भारतीय दीवाली भारत में अपने अपने घरों में मनाएंगे?

विदेश मंत्री एस जयशंकर का ट्वीट में लिखा गया है कि बातचीत बेदह सौहार्दपूर्ण रही है। हालांकि उन्होंने इतने संवेदनशील मुद्दे पर दो टूक भी नहीं लिखा लेकिन घटना उजागर होने के महज कुछ घंटों में दोनों देशों के शीर्ष की तरफ से ट्वीट आना दर्शाता है कि इतने बड़े मुद्दे पर भी बात हुई होगी जिसे पब्लिक नहीं किया गया है। तो माना जाए कि 8 भारतीय दीवाली भारत में अपने अपने घरों में मनाएंगे?

8 भारतीयों को सजा मिलने के पीछे कहीं हमास तो नहीं ?

विदेश मामलों के जानकार मान कर चल रहे थे कि कतर (Qatar Indians Death Penalty Hamas) इस मामले को भारत को ब्लैकमेल करने के लिए इस्तेमाल करेगा। क्योंकि कतर भी ये जानता है कि अगर उसने भारत के 8 लोगों को फांसी पर लटकाया तो उसके संबंध भारत के साथ हमेशा के लिए बेहद खराब हो जाएंगे और जैसा अभी हमारी फॉरन पॉलिसी से कोई भी देश पंगा नहीं ले सकता। अगर भारत सिर्फ वहां से गैस का ही इम्पोर्ट बंद कर दे तो कतर की अर्थव्यवस्था डगमगा जाएगी। क्योंकि आठ भारतीयों को फांसी दिए जाने के मामले में सिर्फ परिवारों और जनता का दबाव ही भारत सरकार पर नहीं होगा, बल्कि सैन्य बलों की तरफ से भी प्रेशर होगा क्योंकि सजा जिन्हें सुनाई गई है वो पूर्व सैन्य अधिकारी हैं।

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कतर के साथ भारत के संबंध (Qatar Indians Death Penalty Hamas) कभी खराब भी नहीं रहे। नूपूर शर्मा केस में बेशक तल्खी आय़ी थी, लेकिन फिर सब सामान्य हो गया था। फिर अचानक कतर के इतने बड़े फैसले पीछे उसका हमास कनेक्शन से इंकार नहीं किया जा सकता। कतर का रुख हमास के लिए कैसा है वो पब्लिक डोमेन में है। हमास को कतर न सिर्फ आर्थिक मदद मुहैया कराता है बल्कि हमास का चीफ भी कतर में ज्यादातर समय गुजारता है। जाहिर है इस्राइल को लेकर भारत के नरम रवैये से बौखलाए कतर ने ये फैसला क्यों लिया ये समझना मुश्किल नहीं।

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