Dev Uthani Ekadashi Ke Upay: देवउठनी एकादशी पर जरूर करें ये काम, भगवान विष्णु जी की कृपा से होगा चौतरफा लाभ

Dev Uthani Ekadashi Ke Upay: देवउठनी एकादशी के दिन जगत के पालनकर्ता श्री हरि भगवान विष्णु 4 महीने की योग निद्रा से जागते हैं और संसार के संचालन का कार्य एक बार फिर से अपने हाथों में लेते हैं। इस दिन विष्णु जी की खास पूजा अर्चना की जाती है।

Dev Uthani Ekadashi Ke Upay: हिंदू सनातन धर्म में देवउठनी एकादशी बहुत ही महत्व रखता है। इसे देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है। हर साल कार्तिक मास, शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादसी का पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन जगत के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु जी की आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान विष्णु 4 महीने की योग निद्रा से देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं और फिर से संसार का संचालन अपने हाथों में ले लेते हैं। इसी कारण इस दिन हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना गया है। आचार्य आशीष राघव द्विवेदी जी से जानते हैं देवउठनी एकादशी के बारे में विस्तार से…

इस साल देवउठनी एकादशी का पावन पर्व गुरुवार 23 नवंबर को मनाई जाएगी। पैराणिक मान्यताओं के मुताबिक आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को विष्णु भगवान शयन मुद्रा में चले जाते हैं और चार महीने बाद कार्तिक मास की एकादशी तिथि यानी देवउठनी एकादशी के दिन अपनी शयन निद्रा से उठते हैं। इसी कराण इसे देवउठानी एकादशी के नाम से जाना जाता है।
भगवान विष्णु को समर्पित देवउठनी एकादशी पर इस वार सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस दिन किया गया हर शुभ कार्य जरूर सिद्ध होता है।
Dev Uthani Ekadashi Ke Upay
Dev Uthani Ekadashi Ke Upay

देवउठनी एकादशी शुभ मुहूर्त (Dev Uthani Ekadashi Shubh Muhurat) 

  • देवउठनी एकादशी तिथि की शुरुआत: 22 नवंबर, रात 11.03 बजे
  • देवउठनी एकादशी तिथि समाप्त: 23 नवंबर, रात 9.00 बजे
  • रवि योग- 06:50 AM – 05:16 PM
  • सर्वार्थ सिद्धि योग- 05:16 PM – 06:51 AM, नवंबर 24
  • पूजा शुभ मुहूर्त-  सुबह 5:03 AM से 9 AM तक, नवंबर 23
  • व्रत पारण समय- 24 नवंबर, 06:53 AM से 08:50 AM तक

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देवउठनी एकादशी के उपाय (Dev Uthani Ekadashi Ke Upay)

देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पंचोपचार पूजन काफी शुभ रहता है। इस पूजन में पूजा के पांच चरण होते हैं।  जिसमें गंध, धूप, दीप, पुष्प और नेवेध आते हैं। इन पांचों वस्तुओं से पूजन करने से श्री हरि जातकों को बहुत ही फल और आशीर्वाद देते है। इस दिन शाम के समय देव मंदिर में जाकर पंच दीपदान करना भी काफी फलदायक माना गया है।

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देवउठनी एकादशी नियम (Dev Uthani Ekadashi Ke Niyam)

  • देवउठनी एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए। मान्यता के मुताबिक इस दिन जो व्यक्ति चावल का सेवन करता है, उसका जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में होता है।

(डिस्क्लेमर: यहां गए उपाय ज्योतिष शास्त्र और ज्योतिष गणना पर आधारित है और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। Vidhan News इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।)

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