Wedding Rituals : यहां शादी के बाद एक-दूजे पर थूकते हैं दूल्हा-दुल्हन, 250 वर्ष पुरानी है परंपरा

Wedding Rituals : दूल्हे राहुल ने अपनी दुल्हन के ऊपर थूक कर इस रस्म को आगे बढ़ाया। दूल्हे राहुल का उनकी दुल्हन ने भी बखूबी साथ दिया। दूल्हे राहुल के बाद उनकी दुल्हन ने भी उनके मुंह पर थूक दिया।

Wedding Rituals : भारत देश में अपने कई तरह के रीति-रिवाज वाली शादियां देखी होगी। इन शादियों में होने वाले रीति रिवाज में कई अटपटे काम भी दूल्हे दुल्हन से करवाए जाते हैं। जैसे दूल्हे का दुल्हन को गोद में उठाना, पैरों के समय दुल्हन पकड़ कर दूल्हे का दुल्हन को आगे बढ़ाना, दूध की थाली में दूल्हा दुल्हन का अंगूठियां ढूंढना, और भी कई इस तरह के बेतुका रस्में देखने को मिलती हैं। वहीं अगर शादी के समय कोई दूल्हा या दुल्हन एक दूसरे पर थूक दे तो शादी टूटने की नौबत आ जाती है। लेकिन मध्य प्रदेश में एक ऐसी जगह भी है जहां यह शादी की एक खास रस्म मानी जाती है। यहां शादी के बाद दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे पर थूकते हैं। यहां पर इस रस्म के बिना शादी पूरी नहीं मानी जाती। यहां के इस अजीबोगरीब समाज में यह प्रथा पिछले ढाई सौ वर्षो से चली आ रही है। तो चलिए जानते हैं वह कौन सी जगह है जहां पर शादी में थूकने की रसम होती है…

बुरहानपुर में होती है अनोखी शादी 

मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में एक ऐसा समाज है, जहां पर एक-दूसरे पर थूकने को स्वागत माना जाता है। यह समाज की 250 वर्ष पुरानी परंपरा है। विवाह के बंधन में बंधने वाले दूल्हा-दुल्हन एक-दूसरे पर दूध और खोपरा चबाकर थूकते हैं। इसको दूल्हा-दुल्हन का घर में स्वागत कहा जाता है।

शादी के बाद थूकते हैं दूल्हा-दुल्हन

बुरहानपुर में राठौर तेली समाज में यह परंपरा आज भी जीवित है। शादी होने के बाद जब दूल्हा-दुल्हन अपने घर पर पहुंचते हैं और दूसरे दिन जब सुबह उन्हें नहलाया जाता है, तो उससे पहले यह रस्म निभाई जाती है। इस रस्म में दूल्हा और दुल्हन को आंगन में एक साथ बिठाया जाता है। इसके बाद दूल्हा और दुल्हन को एक दूसरे के ऊपर थूकने के लिए कहा जाता है। जब दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे के मुंह पर थूक देते हैं तो यह रस्म पूरी मानी जाती है।

250 वर्ष पुरानी है शादी की यह परंपरा

इस समाज में विवाह संपन्न कराने वाले रितेश पाठक से बात की तो उन्होंने बताया कि राठौर तेली समाज की यह 250 वर्ष पुरानी परंपरा है। शादी में दूल्हा-दुल्हन एक-दूजे के होने पर दूध और खोपरा चबाकर पांच-पांच पिचकारीयां थूकते हैं। इस परंपरा को दूल्हा-दुल्हन का घर पर स्वागत कहा जाता है। समाज में 250 वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है और आज भी यह परंपरा जीवित है।

 

आज भी की जाती है शादी में यह रस्म

इस रस्म को निभाने के लिए समाज के लोग एकत्रित होते हैं, जिसके बाद यह रस्म संपन्न कराई जाती है। ऐसा ही एक नजारा बुरहानपुर के शिकारपुरा क्षेत्र में देखने को मिला, जहां दूल्हे राहुल राठौर का विवाह धानोरा की गुंजन से हुआ, जिसके बाद दूल्हे राहुल के घर पर यह रस्म निभाई गई। हालंकि बदले दौर के साथ दूल्हे राहुल को यह रस्म निभाते हुए काफी शर्मिंदगी महसूस हो रही थी। फिर भी अपने समाज की परंपरा को आगे बढ़ते हुए दूल्हे राहुल ने अपनी दुल्हन के ऊपर थूक कर इस रस्म को आगे बढ़ाया। दूल्हे राहुल का उनकी दुल्हन ने भी बखूबी साथ दिया। दूल्हे राहुल के बाद उनकी दुल्हन ने भी उनके मुंह पर थूक दिया।

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