Guru Gobind Singh Jayanti 2024: सिखों के 10वें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह की जयंती आज, जानें इनसे जुड़ी ये खास बातें

Guru Gobind Singh Jayanti 2024: सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी 22 दिसंबर, 1666 को पटना साहिब में जन्म हुआ था। गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिख धर्म के लिए कई नियम बनाए

Guru Gobind Singh Jayanti 2024: आज 22 दिसंबर है आज ही के दिन सिखों के 10वें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह का जन्म हुआ था। इनका जन्म 22 दिसंबर, 1666 को पटना साहिब में हुआ था। इस दिन यानी कि उनकी जयंती को गुरु गोबिंद सिंह प्रकाश पर्व भी कहा जाता हैं। इस मौके पर गुरुद्वारों में अरदास, भजन, कीर्तन, लंगर कई आयोजन किये जाते हैं।

सिख धर्म के लिए गुरु गोबिंद सिंह जी ने कई नियम बनाए और उनका पालन आज भी किया जाता है। पांच ककार उन्होंने सिखों के लिए नियम बनाया था और खालसा पंथ की भी स्थापना की थी। यही वजह है कि उनको खालसा वाणी भी दी, जिसे बोलकर आज भी लोग उत्साह और जोश से भर जाते हैं। आइए आज इस महत्वपूर्ण अवसर पर (गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती) जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें…

Guru Gobind Singh Jayanti 2024: गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन से जुड़ी कई अहम् बातें

सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर, 1666 को पटना साहिब में हुआ था। तिथि के अनुसार उनका जन्म पौष शुक्ल सप्तमी को हुआ था जिसकी वजह से ही ये दिन दिसंबर या जनवरी में मनाया जाता है।गुरु गोबिंद सिंह जी के पिता गुरु तेग बहादुर थे और इनकी माता का नाम गुजरी था इनके पिता भी तेग बहादुर सिखों के 9वें गुरु थे।

सिक्खों के बने 10 वें गुरू

बाल्यकाल से ही गुरु गोबिंद सिंह जी वीर, कुशल योद्धा और साहसी थे। तीर-कमान चलाने में काफी कुशल थे औरअपने संग साथियों के साथ नकली युद्ध का खेल खेलते थे। गुरु गोबिंद सिंह जी ने 09 वर्ष की कम उम्र में पिता तेग बहादुर जी के बलिदान के बाद गुरु गद्दी को संभाल लिया था। इस तरह से वे सिखों के 10वें गुरु बन गएं।

शहीदों और वीरों का था परिवार

गुरु गोबिंद सिंह त्याग और बलिदान की भावना रखते थे। इनका पूरा परिवार मुगलों से युद् करते करते शहीद हो गया। उनके दो बेटे युद्ध में शहीद हुए और दो बेटों को मुगलों ने दीवारों में जिंदा चुनवा दिया था

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