Garlic Price Hike: साल 2024 की जनवरी आने से पहले ही बाज़ार का पारा चढ़ने लगा है। जहां एक तरफ सर्दी का पारा लुढ़क रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सब्जियों के भाव बढ़ रहे हैं। नए साल में महंगाई भी कमर तोड़ने को तैयार है। लहसुन की कीमत बेहतशा बढ़ते देखी जा रही हैं। पिछले साल लहसुन के दाम इतने गिर गए थे कि मायूस किसानों को अपनी फसल सड़कों पर फेंकनी पड़ गई थी। मगर इस बार 200 रूपये किलोग्राम तक भाव मिलने से उनके सारे गिले- शिकवे दूर हो गए। मंडियों में आवक कम होने के कारण इस बार लहसुन का भाव चढ़ गया और निर्यात मां बढ़ने के कारण भी इसके दाम में तेजी है।
यहां पैदा होता है ज्यादा लहसुन
मध्य प्रदेश देश में सबसे अधिक लहसुन उत्पादन होता है, देश में कुल लहसुन उत्पादन में आधा योगदान यह प्रदेश देता है। लहसुन उत्पादक सुनील पाटीदार ने बताया कि, ‘पिछले साल ज्यादातर किसानों ने 20 से 30 रुपये प्रति किलो लहसुन बेचा था जिससे किसानों को भारी घाटा हुआ। उनकी उपज का कुछ हिस्सा 5 रुपये प्रति किलो तक बिका था, लेकिन इस बार किसानों ने लहसुन की खेती से अधिक पैसे कमाए हैं।’
बाजार में लहसुन का भाव
किसानों का लहसुन सीजन के शुरुआती महीनों में 70 रुपये प्रति किलो बिका था जो इस महीने में 150 से 200 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। इस महीने मध्य प्रदेश की मंदसौर मंडी में लहसुन की अधिकतम कीमत 260 रुपये प्रति किलो और न्यूनतम कीमत 50 रुपये प्रति किलो थी। पिछले दिसंबर में लहसुन का थोक मूल्य 95 रुपये प्रति किलो था, लेकिन यह 3 रुपये प्रति किलो तक गिर गया था। लहसुन की मॉडल कीमत 12 से 15 रुपये प्रति किलो थी, जो आम तौर पर इसी भाव पर बिक्री की जाती है। दिसंबर में मॉडल की कीमत अधिकतर 150 से 200 रुपये प्रति किलो थी।
इस साल तिगुने दाम में बिकेगा लहसुन
दिल्ली की आजादपुर मंडी में लहसुन कारोबारी नवनीत सिंह ने बताया कि इस साल लहसुन की कीमत पिछले साल की तुलना में तीन गुना से भी अधिक है। आवक में भारी कमी इसकी असली वजह है। वर्तमान में मंडियों में 8,000 से 10,000 कट्टा (एक कट्टा में 40 किलो) लहसुन की उपलब्धता है, हालांकि आम तौर पर मंडियों में 20,000 से 25,000 कट्टा लहसुन होता है।
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