Ralationship Goals: पति-पत्नी पैसों को लेकर हो रहें झगड़े तो आज से करें ये काम

Relationship Goals: शादी के बाद पार्टनर्स में पैसों को लेकर अक्सर कहासुनी होने लगती है। ज्यादातर देखा गया है कि पति- पत्नी के बीच ज्यादातार पैसा ही झगड़े का कारण बनता है।

Ralationship Goals: रिलेशनशिप दो लोगों की जिंदगियों को बदल देता है। फिर चाहे रिश्ता शादी से पहले का हो या फिर शादी के बाद का हो। जब दो लोग किसी रिश्ते में बढ़ते हैं तो उनके बीच में जिम्मेदारियां का बोझ भी बढ़ जाता है। खासकर शादी के बाद पार्टनर्स में पैसों को लेकर अक्सर कहासुनी होने लगती है। ज्यादातर देखा गया है कि पति- पत्नी के बीच ज्यादातार पैसा ही झगड़े का कारण बनता है। अगर आपकी शादीशुदा रिश्ते में पैसों को लेकर खटपट या अनबन रहती है तो आप इन टिप्स को फॉलो करके अपने रिश्ते को और आसान बना सकते हैं…

पैसे को लेकर होते हैं झगड़े तो करें ये काम

आज के समय में अधिकतर पार्टनर वर्किंग ही होते हैं। ऐसे में फाइनेंशियल जिम्मेदारियों का बोझ किसी एक पर न होकर दोनों पर बराबर का होता है। जिससे दोनों रिलीफ रहते हैं। लेकिन कई बार पति-पत्नी में से केवल एक ही जॉब करता है तो ऐसे में दोनों के बीच पैसों और खर्च को लेकर झगड़े होते रहते हैं। कई बार पैसा रिश्ते टूटने की वजह भी बन जाता है। ऐसे में आपको अपने रिश्ते को बचाने के लिए कुछ प्लानिंग करने की जरूरत है। जिस पति-पत्नी के बीच में पैसों को लेकर कभी भी झगड़ा नहीं होगा।

महीने का बजट बनाएं

शादी के बाद आप महीने का बजट तैयार करें, ताकि महीना खत्म होने के साथ ही आपके हाथ खाली न हो जाएं। बजट बनाते समय 50-30-20 के रूल को फॉलो करें। इसमें 50 फीसदी पैसे जरूरी खर्चों के लिए, 30 फीसदी शौक और इंटरटेनमेंट के लिए और 20 फीसदी बचत और इनवेस्टमेंट में रखे। कोशिश करें बचत वाला हिस्सा हमेशा ज्यादा ही जाए।

इनकम के अनुसार करें खर्च

ध्यानपूर्वक खर्च करना फाइनेंशियल हैप्पीनेस का एक महत्वपूर्ण मंत्र है। हमारी प्राचीन संस्कृति में कहा गया है कि पांव उतने ही पसारों जितनी बड़ी चादर हो। मतलब यह है कि आप अपनी आय के हिसाब से खर्च करें। बेहतर पर्सनल फाइनेंस के अनुसार खर्च इनकम का लगभग 80 प्रतिशत होना चाहिए। इसमें कम से कम 20 प्रतिशत निवेश और बचत करना अनिवार्य है। यदि आप खर्चों पर ध्यान नहीं देते आप कुछ भी बचत नहीं कर पाएंगे। अपने स्तर की लाइफस्टाइल चलाने पर आपको हर समय मुसीबत से बचना होगा।

इमरजेंसी फंड बनाकर रखें

इमरजेंसी में पैसे के लिए किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़े, इसके लिए एक इमरजेंसी फंड बनाकर रखें। इमरजेंसी परिस्थितियों में इनवेस्टमेंट से पैसे निकालने की संभावना कम होती है, इसलिए ये इमरजेंसी फंड आवश्यक हैं। जी हां, इमरजेंसी पैसे को लिक्विड फंड स्कीम में या सेविंग बैक अकाउंट में रखें। दोनों से पैसे निकालना आसान है, जिससे आप किसी भी दुर्घटना को स्वयं संभाल सकें। आपका दूसरा इमरजेंसी पैसा कम से कम आपकी आय का छह गुना होना चाहिए।

फैमिली फ्लोटर पॉलिसी लें

लाइफ इंश्योरेंस की तरह ही हेल्थ इंश्योरेंस भी काफी जरूरी है। फैमिली फ्लोटर पॉलिसी अच्छी है, क्योंकि आप उन्हें बाद में बच्चे होने पर भी इसमें शामिल कर सकते हैं। युवाओं में स्वास्थ्य पॉलिसी अच्छी होती है, पेरेंट्स के साथ पॉलिसी ले रहे हैं, तो कम से कम 10 लाख रुपये की आवश्यकता होगी।

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